अवधेश कुमार का ब्लॉग: पर्यावरण पर न हो राजनीति

By अवधेश कुमार | Published: November 12, 2019 09:50 AM2019-11-12T09:50:24+5:302019-11-12T09:50:24+5:30

स्वच्छता अभियान पर्यावरण शुद्धि का सबसे बड़ा अभियान साबित हो सकता था. इसका असर तो हुआ लेकिन अनेक राज्य सरकारों ने इसे नरेंद्र मोदी की राजनीति मानकर आगे ले जाने का कदम नहीं उठाया.

Politics should not be done on environment | अवधेश कुमार का ब्लॉग: पर्यावरण पर न हो राजनीति

प्रतीकात्मक तस्वीर

 पर्यावरण संकट जैसे गंभीर मसले पर किसी तरह की राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है. इस समय दिल्ली का स्मॉग और प्रदूषण पूरे देश की सुर्खियां बना हुआ है. दिल्ली के मुख्यमंत्नी अरविंद केजरीवाल पराली जलाने को सबसे बड़ा खलनायक बताते हैं. अगर केवल पराली दिल्ली के भयावह प्रदूषण के लिए जिम्मेवार है तो फिर ऑड-इवेन की आवश्यकता क्यों आ गई? 

पराली और दिल्ली में चलने वाले वाहनों के बीच क्या संबंध हो सकता है? प्रदूषण के कारणों पर सैकड़ों शोध, अध्ययन हुए हैं. उनके निष्कर्ष आंकड़े हमारे सामने हैं. उनके अनुसार कदम उठाने की आवश्यकता है.

दिल्ली में जब भी स्मॉग की स्थिति बनती है तो केजरीवाल ऑड-इवेन चालू कर देते हैं. यह आम लोगों को पता होना चाहिए कि दिल्ली में प्रदूषण में वाहनों का योगदान लगभग 12-14 प्रतिशत रह गया है. इसमें भी कारों का योगदान 30 प्रतिशत के आसपास है. इस तरह देखें तो कुल कार करीब पांच प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेवार हैं. वैसे भी एनजीटी ने नवंबर 2017 में दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि जब पिछले ऑड-इवेन से प्रदूषण घटा नहीं तो आपने किस आधार पर लागू कर दिया? सच यही है कि पिछली बार ऑड-इवेन से पीएम-10 और पीएम-2.5 पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा था.

स्वच्छता अभियान पर्यावरण शुद्धि का सबसे बड़ा अभियान साबित हो सकता था. इसका असर तो हुआ लेकिन अनेक राज्य सरकारों ने इसे नरेंद्र मोदी की राजनीति मानकर आगे ले जाने का कदम नहीं उठाया. इसी तरह अब एक बार प्रयोग किए जाने वाले प्लास्टिक को खत्म करने का अभियान प्रधानमंत्नी की ओर से आरंभ हुआ है. किंतु इस पर भी राजनीति हो रही है. 

जब गंगा सफाई से लेकर अन्य नदियों को स्वच्छ करने की योजना राजनीति से अछूती नहीं रह सकती तो फिर अन्य योजनाओं की तो बात ही छोड़ दीजिए. हालांकि दुनिया के स्तर पर भारत को पर्यावरण स्वच्छ करने की दिशा में उठाए गए कदमों को लेकर प्रशंसा मिल रही है. स्वच्छता अभियान और उसके तहत शौचालयों के निर्माण में भारत ने रिकॉर्ड कायम किया है. उसका असर अवश्य है.

Web Title: Politics should not be done on environment

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