शशांक द्विवेदी का ब्लॉगः कौशल विकास की जरूरत
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 15, 2018 09:26 AM2018-09-15T09:26:02+5:302018-09-15T09:35:55+5:30
आज से कई दशक पहले गांधीजी ने कहा था कि देश की समग्र उन्नति और आर्थिक विकास के लिए तकनीकी शिक्षा का गुणवत्तापूर्ण होना बहुत जरूरी है उन्होंने इसको प्रभावी बनाने के लिए कहा था कि कॉलेज में हाफ-हाफ सिस्टम होना चाहिए
शशांक द्विवेदी
जब से मानव अस्तित्व में आया है तब से इंजीनियरिंग उसकी जिंदगी का एक हिस्सा है। बिना इंजीनियरिंग के बेहतर जिंदगी की कल्पना ही नहीं की जा सकती। लोगों को सुख-सुविधाएं प्रदान करने के लिए अनेक यंत्नों व शक्ति संपन्न भौतिक साधनों का निर्माण इंजीनियरिंग से ही संभव हो पाया। किसी देश या समाज के सर्वागीण विकास में इंजीनियरिंग का सबसे बड़ा योगदान होता है।
इंजीनियरिंग के इसी महत्व को समझते हुए देश में इंजीनियरिंग को नई सोच और दिशा देने वाले महान इंजीनियर भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती 15 सितंबर को देश में इंजीनियर्स डे या अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश और समाज के निर्माण में एक इंजीनियर की रचनात्मक भूमिका कैसी होनी चाहिए इस बात को विश्वेश्वरैया की प्रेरणादायक जीवन गाथा से जाना और समझा जा सकता है। विश्वेश्वरैया न केवल एक कुशल इंजीनियर थे बल्कि देश के सर्वश्रेष्ठ योजना शिल्पी, शिक्षाविद् और अर्थशास्त्नी भी थे। बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
आज से कई दशक पहले गांधीजी ने कहा था कि देश की समग्र उन्नति और आर्थिक विकास के लिए तकनीकी शिक्षा का गुणवत्तापूर्ण होना बहुत जरूरी है उन्होंने इसको प्रभावी बनाने के लिए कहा था कि कॉलेज में हाफ-हाफ सिस्टम होना चाहिए मतलब आधे समय में किताबी ज्ञान दिया जाए और आधे समय में उसी ज्ञान का व्यावहारिक पक्ष बताकर उसका प्रयोग सामान्य जिंदगी में कराया जाए। भारत में तो गांधीजी की बातें ज्यादा सुनी नहीं गईं पर चीन ने उनके इस प्रयोग को पूरी तरह से अपनाया और आज स्थिति यह है कि उत्पादन की दृष्टि से चीन भारत से बहुत आगे है।
आज देश को स्किल्ड इंजीनियरों की जरूरत है जो देश को एक नई दिशा दिखा सकें क्योंकि आज के आधुनिक विश्व में विज्ञान, तकनीक और इंजीनियरिंग के क्र मबद्ध विकास के बिना विकसित राष्ट्र का सपना नहीं सच किया जा सकता। इसके लिए देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई को कौशल विकास से जोड़ना होगा जिससे इंजीनियर अपने स्किल के साथ काम कर सकें।