ब्लॉग: स्वदेशीकरण से सशक्त बनती नौसेना
By योगेश कुमार गोयल | Updated: December 4, 2024 06:35 IST2024-12-04T06:34:39+5:302024-12-04T06:35:32+5:30
देश में ही दो परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की भी मंजूरी दी जा चुकी है, जो स्वदेशी हथियारों पर बढ़ रहे विश्वास को दर्शाता है.

ब्लॉग: स्वदेशीकरण से सशक्त बनती नौसेना
भारतीय सशस्त्र बलों की समुद्री शाखा भारतीय नौसेना देश की सैन्य ताकत का बहुत अहम हिस्सा है, जो देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. नौसेना के जांबाजों को याद करते हुए प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को ‘भारतीय नौसेना दिवस’ मनाया जाता है. यह दिवस 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की शानदार जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है.
दरअसल 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने हमारे हवाई और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला कर दिया था. पाकिस्तान को उस हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाने पर लेकर ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया. इसकी सफलता के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की शक्ति और बहादुरी को सलाम करने के लिए 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाने की शुरुआत हुई.
भारतीय नौसेना दिवस प्रतिवर्ष एक खास विषय के साथ मनाया जाता है, जो उसके रणनीतिक लक्ष्यों से मेल खाता है, जिसमें समुद्री सुरक्षा, तकनीकी प्रगति या रक्षा तत्परता जैसे विषय शामिल हो सकते हैं. भारतीय नौसेना दिवस 2024 का विषय है ‘नवाचार और स्वदेशीकरण के माध्यम से शक्ति और सशक्ति’. चूंकि अरब सागर और हिंद महासागर में चीन लगातार अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तो चीन से मिलने वाली चुनौतियां निरंतर बढ़ रही हैं, इसीलिए सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में और अधिक स्थायी उपस्थिति दर्ज कराने पर जोर दे सकती है, जिसे लंबे समय से भारत का समुद्री इलाका कहा जाता रहा है.
रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य शक्ति का मुकाबला करने की चीन की तैयारियों का भारत पर मिश्रित प्रभाव पड़ा है. हालांकि अपने आसपास के हिंद महासागर क्षेत्र के अधिकांश इलाके में भारत का नियंत्रण है लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि नौसेना के पास अभी हेलिकॉप्टरों तथा पनडुब्बियों की कमी है, जिसे दूर करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है.
नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी के मुताबिक भारत में 62 युद्धपोत और एक पनडुब्बी निर्माणाधीन हैं और प्रोजेक्ट-75 इंडिया की छह पनडुब्बियों सहित 31 और शक्तिशाली युद्धपोतों और पनडुब्बियों की आवश्यकता को स्वीकार किया गया है, जिसमें नौसेना के लिए 60 यूटिलिटी हेलिकॉप्टर मरीन शामिल हैं. देश में ही दो परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की भी मंजूरी दी जा चुकी है, जो स्वदेशी हथियारों पर बढ़ रहे विश्वास को दर्शाता है.