National Youth Festival News: युवा पीढ़ी किसी भी राष्ट्र के विकास की रीढ़, मजबूत कंधों पर राष्ट्र का विकास निर्भर
By योगेश कुमार गोयल | Published: January 12, 2024 01:45 PM2024-01-12T13:45:38+5:302024-01-12T13:47:18+5:30
National Youth Festival News: मेहनती युवाओं में से बहुत सारे आगे चलकर वैज्ञानिक, डॉक्टर, खिलाड़ी, उद्यमी, नेता या शिक्षाविद बनते हैं और अपने-अपने क्षेत्र में अपनी प्रतिभा के बल पर राष्ट्र के विकास में सहभागी बनते हैं.
National Youth Festival News: युवा पीढ़ी किसी भी राष्ट्र के विकास की रीढ़ होती है. रीढ़ के क्षतिग्रस्त होने पर शरीर का विकास होना संभव नहीं, ठीक इसी प्रकार देश के विकास के लिए विकास की रीढ़ अर्थात् युवा वर्ग की मानसिकता का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है. वह युवा वर्ग ही है, जो देश का उज्ज्वल भविष्य है और जिसके मजबूत कंधों पर राष्ट्र का विकास निर्भर है.
देश के इन्हीं मेहनती युवाओं में से बहुत सारे आगे चलकर वैज्ञानिक, डॉक्टर, खिलाड़ी, उद्यमी, नेता या शिक्षाविद बनते हैं और अपने-अपने क्षेत्र में अपनी प्रतिभा के बल पर राष्ट्र के विकास में सहभागी बनते हैं. किंतु वर्तमान परिवेश में समाज में चारों तरफ अपराधों तथा भ्रष्टाचार का जो मकड़जाल फैल चुका है.
वह घुन बनकर न सिर्फ देश को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है बल्कि युवा वर्ग भी भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के इस दूषित माहौल में हताश व निराश है. ऐसे में युवा वर्ग सही मार्ग से न भटके, इसके लिए युवा शक्ति को जागृत कर उसे देश के प्रति कर्तव्यों का बोध कराते हुए सही दिशा में प्रेरित एवं प्रोत्साहित करना व उचित मार्गदर्शन बेहद महत्वपूर्ण है.
भारत में करीब 65 फीसदी आबादी युवाओं की है और माना जा रहा है कि इसी युवाशक्ति के बल पर भारत आने वाले दशकों में तकनीक, उद्योग, अर्थव्यवस्था तथा आध्यात्मिकता के क्षेत्र में सुपर पावर बनेगा. युवाओं के महत्वपूर्ण योगदान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महाशक्ति माने जाते रहे अमेरिका में ही 2013 में एक रिपोर्ट ‘इकोनॉमी ऑफ प्रेसीडेंट’ में कहा गया था कि वहां घट रही युवाओं की आबादी के कारण वहां की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
हमें भूलना नहीं चाहिए कि देश की आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ बलिदान कर लोगों में क्रांति का बीजारोपण करने वाले अधिकांश युवा ही थे. स्वामी विवेकानंद, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु इत्यादि देश के अनेक युवाओं ने देश की आन-बान और शान के लिए अपने निजी जीवन के समस्त सुखों का त्याग कर दिया था और अपना समस्त जीवन देश के लिए न्यौछावर कर दिया था.
लेकिन आधुनिक युग में हम स्वार्थी बनकर ऐसे क्रांतिकारी युवाओं की जीवन गाथाओं को भूल रहे हैं. क्रांतिकारी युवा महापुरुषों की जीवन गाथाओं के जरिये देश की युवा पीढ़ी को समाज में व्याप्त गंदगी से बचाकर देश के विकास में उसका सदुपयोग किया जा सके, इसी उद्देश्य से आधुनिक भारत के महान चिंतक, दार्शनिक, समाज सुधारक, युवा संन्यासी स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी को प्रतिवर्ष ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाई जाती है. विवेकानंद बहुत कम आयु में अपने विचारों के चलते समस्त जगत में अपनी एक विशेष पहचान बनाने में सफल हुए थे.