मौलाना अबुल कलाम आजादः भारत के पहले शिक्षामंत्री के वो 7 कथन जिनसे आज भी मिलती है शिक्षा

By आदित्य द्विवेदी | Published: February 22, 2018 08:13 AM2018-02-22T08:13:38+5:302018-02-22T09:03:12+5:30

Maulana Abul kalam Azad Death Anniversary: मौलाना अबुल कलाम आजाद का 22 फरवरी सन् 1958 को निधन हो गया। 75 साल पहले कही गई उनकी बातें आज भी मौजूं हैं...

Maulana Abul kalam Azad death anniversary: life journey and quotes in hindi | मौलाना अबुल कलाम आजादः भारत के पहले शिक्षामंत्री के वो 7 कथन जिनसे आज भी मिलती है शिक्षा

Abul kalam Azad

मौलाना अबुल कलाम आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे। उन्हें 'मौलाना आज़ाद' के नाम से जाना जाता है। 'आज़ाद' उनका उपनाम है। हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्के पैरोकार आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को सऊदी अरब के मक्का में हुआ था। दरअसल, 1857 की क्रांति के असफल हो जाने के बाद उनके पूर्वज सऊदी अरब चले गए थे। सऊदी अरब में मौलाना के पिता खैरुद्दीन का विवाह मदीना के प्रसिद्ध विद्वान शेख जहर की बेटी से हुआ। मौलाना कलाम के जन्म के बाद 1898 में उनका परिवार वापस भारत आकर कलकत्ता में बस गया। मौलाना आजाद धर्म के आधार पर देश के बंटवारे के सख्त खिलाफ थे। उन्होंने 1946 में ही पाकिस्तान के बारे में सटीक भविष्यवाणी की थी। हर भारतवासी को मौलाना आजाद के ये 10 कथन जरूर पढ़ने चाहिए।
 
1. 15 अप्रैल 1946 को कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मौलाना आज़ाद ने कहा, ''मैंने मुस्लिम लीग की पाकिस्तान के रूप में अलग राष्ट्र बनाने की मांग को हर पहलू से देखा और इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि यह फ़ैसला न सिर्फ भारत के लिए नुकसानदायक साबित होगा बल्कि इसके दुष्परिणाम खुद मुसलमानों को भी झेलने पड़ेंगे। बंटवारे का फैसला समाधान निकालने की जगह और ज्यादा परेशानियां पैदा करेगा।''
 
2. मौलाना आजाद ने मुसलमानों से कहा, ''भले ही धर्म के आधार पर हिंदू तुमसे अलग हों लेकिन राष्ट्र और देशभक्ति के आधार पर वे अलग नहीं हैं, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में तुम्हें किसी दूसरे राष्ट्र से आए नागरिक की तरह ही देखा जाएगा।'' 
 
3. तब से अभी तक पूरे ग्यारह सौ साल बीत चुके हैं। भारत की जमीं पर जितना बड़ा हिंदू धर्म है, उतना बड़ा ही इस्लाम धर्म भी है। यदि हिंदू धर्म कई हजारों सालों से यहाँ के लोगों का धर्म रहा है तो  इस्लाम भी यहां एक हजार साल से लोगों का धर्म रहा है। जैसे एक हिंदू गर्व के साथ कह सकता है कि वह एक भारतीय है और हिंदू धर्म का अनुसरण करता है, उसी तरह हम भी गर्व से कह सकते हैं कि हम भी भारतीय हैं और इस्लाम का पालन करते हैं। मैं इसे और भी विस्तार में ले जाना चाहता हूँ। एक भारतीय ईसाई उतने ही गर्व से यह कहने का हक़दार है कि वह एक भारतीय है और भारत में वह एक धर्म का पालन कर रहा है, जो ईसाई धर्म है।
 
4. हमें एक पल के लिए भी यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति का यह जन्मसिद्ध अधिकार है कि उसे बुनियादी शिक्षा मिले, बिना इसके वह पूर्ण रूप से एक नागरिक के अधिकार का निर्वहन नहीं कर सकता।
 
5. राष्ट्रीय शिक्षा का कोई भी कार्यक्रम उपयुक्त नहीं हो सकता यदि वह समाज के आधे भाग से जुडी शिक्षा पर ध्यान नहीं देता हो, वह है महिलाओं की शिक्षा।
 
6. कुरान का उद्देश्य आदमी का ध्यान उनकी शक्ति और ज्ञान के लिए आमंत्रित करना है न कि  ब्रह्मांड के निर्माण की एक प्रदर्शनी दिखाना है।
 
7. जो व्यक्ति संगीत से स्पंदित नहीं होता, उसका मन अस्वस्थ और अपूर्ण है, वह  आध्यात्मिकता से दूर है और पक्षियों और जानवरों की तुलना में सघन है क्योंकि हर कोई संगीत की  मधुर ध्वनियों से प्रभावित होता है।
 
1947 में जब हज़ारों की संख्या में दिल्ली के मुसलमान पाकिस्तान जा रहे थे तो जामा मस्जिद की प्राचीर से मौलाना आजाद नेे कहा था,
 
"जामा मस्जिद की ऊंची मीनारें तुमसे पूछ रही है कि जा रहे हो, तुमने इतिहास के पन्नों को कहाँ खो दिया। कल तक तुम यमुना के तट पर वजू किया करते थे और आज तुम यहाँ रहने से डर रहे हो। याद रखो कि तुम्हारे ख़ून में दिल्ली बसी है। तुम समय के इस झटके से डर रहे हो। वे तुम्हारे पूर्वज ही थे जिन्होंने गहरे समुद्र में छलांग लगाई, मज़बूत चट्टानों को काट डाला, कठिनाइयों में भी मुस्कुराए, आसमान की गड़गडाहट का उत्तर तुम्हारी हँसी के वेग से दिया, हवाओं की दिशा बदल दी और तूफ़ानों का रूख मोड़ दिया। यह भाग्य की विडम्बना है कि जो लोग कल तक राजाओं की नियति के साथ खेले उन्हें आज अपने ही भाग्य से जूझना पड़ रहा है और इसलिए वे इस मामले में अपने परमेश्वर को भी भूल गये हैं जैसे कि उसका कोई आस्तित्व ही न हो। वापस आओ यह तुम्हारा घर है, तुम्हारा देश।
 
22 फरवरी सन् 1958 को मौलाना आजाद का निधन हो गया। वर्ष 1992 में मरणोपरान्त उन्हें सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।

Web Title: Maulana Abul kalam Azad death anniversary: life journey and quotes in hindi

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