ब्लॉग: मां का चेहरा नहीं देखा, बहन की भी मौत...आखिर क्यों विजयी योद्धा हैं मल्लिकार्जुन खड़गे?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 21, 2023 12:11 PM2023-07-21T12:11:28+5:302023-07-21T12:12:32+5:30

कर्नाटक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने गृह मंत्री, शिक्षा मंत्री, राजस्व मंत्री, परिवहन मंत्री, उद्योग मंत्री के रूप में शानदार और परिवर्तनकारी काम किए. वीरप्पन का एनकाउंटर, भूमि सुधार कानून, केंद्र में रेलवे, श्रम, सामाजिक न्याय मंत्री के रूप में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किए.

Mallikarjun Kharge congress leader is a victorious warrior | ब्लॉग: मां का चेहरा नहीं देखा, बहन की भी मौत...आखिर क्यों विजयी योद्धा हैं मल्लिकार्जुन खड़गे?

ब्लॉग: मां का चेहरा नहीं देखा, बहन की भी मौत...आखिर क्यों विजयी योद्धा हैं मल्लिकार्जुन खड़गे?

चेतन शिंदे

मल्लिकार्जुन खड़गे, गांधी परिवार से बाहर के एक ऐसे महान नेता हैं, जो अनेक संघर्षों का सामना करते हुए कांग्रेस की विजय पताका सम्मान से फहरा रहे हैं. जब भारत को आजादी दिलाने वाली कांग्रेस पार्टी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, ऐसे समय में देश-दुनिया में खड़गे की पहचान संकटमोचक के रूप में हो रही है. मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म 21 जुलाई 1942 को कर्नाटक के बीदर जिले के वरावट्टी में एक दलित परिवार में खेतों में मजदूरी करने वाले के घर हुआ. 

रजाकारों द्वारा की गई आगजनी में उनका घर जल गया, जिसमें उनकी मां और बहन की मौत हो गई. अपनी मां का चेहरा तक न देख पाने वाले खड़गेजी ने बड़े संघर्ष के बाद कर्नाटक में अपना वजूद बनाया. 1969 में गुलबर्गा सिटी कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा गौरवशाली है. वे 9 बार विधायक बने. 

इस बीच वे कभी मंत्री तो कभी नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, फिर सांसद, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बने. आज भी वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यरत हैं. पिछले 15 वर्षों से भी अधिक समय से उन्हें देश की राजनीति में अग्रणी नेता के रूप में देखा जाता रहा है.

कर्नाटक में खड़गे ने गृह मंत्री, शिक्षा मंत्री, राजस्व मंत्री, परिवहन मंत्री, उद्योग मंत्री के रूप में शानदार और परिवर्तनकारी काम किए. वीरप्पन का एनकाउंटर, भूमि सुधार कानून, केंद्र में रेलवे, श्रम, सामाजिक न्याय मंत्री के रूप में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किए. कर्नाटक के लिए संविधान में अनुच्छेद 371 (जे) का प्रावधान खड़गेजी की असाधारण बुद्धिमत्ता का प्रमाण था. एक सफल और रणनीतिक राजनेता के रूप में 
उनके काम कर्नाटक के विकासात्मक इतिहास में महत्वपूर्ण माने जाते हैं. पद से बढ़कर विचारों का पोषण करने वाला, वैचारिक दृष्टि से मजबूत भूमिका निभाने वाला, भाजपा की आक्रामक राजनीति का सीधा मुकाबला करने वाला, राष्ट्रहित से जुड़े सवाल पूछने वाला और नैतिक अधिकार और क्षमता रखने वाला मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा कांग्रेस में और कोई नेता नजर नहीं आता. संसद में विपक्ष के लिए आक्रामक ढंग से संघर्ष करने वाले खड़गेजी के व्यक्तित्व को उनकी बेदाग छवि और नैतिकता ने और मजबूत किया है.

खड़गेजी के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, औद्योगिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, कला, साहित्य, विज्ञान, खेल, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 52 वर्षों के व्यापक अनुभव, वक्तृत्व कौशल, इतिहास की समुचित समझ, विभिन्न समस्याओं को समझकर उनसे निपटने की असाधारण क्षमता, याददाश्त, स्पष्टवादिता और समय की पाबंदी को संसद में उनके सुसंस्कृत और ओजस्वी भाषण में देखा जा सकता है. 2014 के बाद जब से उनको कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है तब से दिल्ली के अकबर रोड स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय में भीड़ लगातार बढ़ रही है. देश भर के लोगों में यह भावना बढ़ती जा रही है कि कांग्रेस के बिना भारतीय जनता पार्टी को हराया नहीं जा सकता.

कर्नाटक में खड़गेजी के नेतृत्व में कांग्रेस की एकतरफा जीत ने एक नया जोश पैदा कर दिया है. उनके नेतृत्व ने पिछले नौ वर्षों से भटकी हुई कांग्रेस पार्टी और साथी विपक्षी दलों में विश्वास जगाया है. पीठ दर्द से पीड़ित होने के बावजूद खड़गेजी ने दिन-रात कर्नाटक में 3500 किमी से अधिक की यात्राएं कीं. 43 सभाएं, 3 रोड-शो किए. अनेक स्थानों पर व्यक्तिगत स्तर पर मार्गदर्शन किया. उन्होंने टिकट वितरण, उचित प्रचार प्रणाली और संगठनात्मक एकता पर ध्यान देकर कर्नाटक में 135 कांग्रेस विधायकों की जीत में प्रमुख भूमिका निभाई. 

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और विपक्षी शरद पवार, लालू प्रसाद यादव, सीताराम येचुरी, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, केजरीवाल, स्टालिन समेत 26 राजनीतिक दल कभी पटना तो कभी बेंगलुरु में एक साथ बैठकर चर्चा कर रहे हैं. देश के बुद्धिजीवियों, मीडिया और मध्यम वर्ग को यकीन होने लगा है कि खड़गेजी देश के लिए विकल्प के रूप में कांग्रेस को खड़ा करने में सक्षम हैं.

कठिन परिस्थितियों में भी अपने विचारों की पताका फहराना, सत्ता प्राप्ति के बजाय प्रगतिशील विचारधारा और दल निष्ठा को जीवन का लक्ष्य मानना, गरीबों के कल्याण के लिए, नैतिक मूल्यों के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहना और बुद्ध, बसवन्ना, आंबेडकर, गांधी और नेहरू की विचारधारा को अपनाकर शत्रु से दो-दो हाथ करने का साहस रखना खड़गेजी की महानता को रेखांकित करता है. इसलिए, मल्लिकार्जुन खड़गे राजनीतिक क्षितिज पर प्रकाश पुंज की तरह दिखाई देते हैं.

कठिन काल में डॉ. आंबेडकर द्वारा देश को सौंपे गए संविधान को बचाने, नेहरू द्वारा दिए गए समाजवाद, विज्ञानवाद और आधुनिक भारत के सपने को और गांधीजी  द्वारा दिए गए सत्य अहिंसा के सिद्धांतों को बचाए रखने की महती जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे पर है. उन्हें भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री बनने का अवसर और शक्ति मिले, उनके 81वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं और सुखी दीर्घायु जीवन की शुभकामनाएं.

Web Title: Mallikarjun Kharge congress leader is a victorious warrior

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