Blog: कठुआ से उन्नाव तक हो रहा नारी पर वार, फिर भी चुप हैं मोदी सरकार?
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 13, 2018 12:08 PM2018-04-13T12:08:48+5:302018-04-13T12:20:34+5:30
12 अप्रैल की आधी रात को दिल्ली के इंडिया गेट में लोग जुटे हुए हैं। उनके एक हाथ में कैंडल है और दूसरे हाथ में तख्ती। तख्ती पर इंसाफ मांगा जा रहा है। विक्टिम का नाम 'निर्भया' से 'अनामिका' हो गया है।
तारीखः 16 दिसंबर 2012
स्थानः दिल्ली
पीड़िताः निर्भया
निर्भया अपने एक दोस्त के साथ रात में फिल्म देखकर लौट रही थी। एक प्राइवेट बस में कुछ लोगों ने उनपर फब्तियां कसना शुरू किया। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो दोनों को बुरी तरह पीटा गया। निर्भया का दोस्त बेहोश हो गया तो छह लोगों ने मिलकर लड़की से बलात्कार करने की कोशिश की। उसके यौनांग में व्हील जैक की रॉड डाल दी। मरणासन्न हालत में उसे एक निर्जन स्थान पर फेंककर भाग गए। निर्भया को सफदरगंज अस्पताल पहुंचाया गया। हालत बिगड़ने पर सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया जहां 29 दिसंबर 2012 को उसकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ेंः कठुआ-उन्नाव रेप के विरोध में कैंडल मार्च, राहुल गांधी ने कहा-सरकार इसे राजनीति न समझें, ये आमजन की आवाज है
16 दिसंबर 2012 की आधी रात को हुई बलात्कार की इस वीभत्स घटना ने लोगों को हिलाकर रख दिया। लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। संसद से सड़क तक महिला सुरक्षा के नारे गूंजे। मनमोहन सरकार को मजबूरन 'निर्भया एक्ट' और 'पोक्सो एक्ट' जैसे कड़े कानून बनाने पड़े। धारा 376 A के तहत बलात्कार पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया। भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को खूब जोर-शोर से उठाया। 2014 लोकसभा चुनाव में नारा दिया गया, 'बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार'। लोगों ने नारे पर भरोसा किया और '56 इंच' के सीने वाले नरेंद्र मोदी के हाथ में सत्ता सौंप दी। लेकिन क्या हुआ? क्या अब महिलाएं सुरक्षित हैं?
तारीखः 12 अप्रैल
स्थानः इंडिया गेट, दिल्ली
पीड़िताः कठुवा की 8 वर्षीय मासूम और उन्नाव की युवती
कश्मीर के कठुवा में 10 जनवरी को साजिश के तहत एक बच्ची का अपहरण किया जाता है। उसे नशीली दवाएं खिलाकर देवीस्थान ले जाया जाता है और वहां नाबालिग विशाल उसके साथ रेप करता है। 11 जनवरी को विशाल अपने दोस्त को भी मेरठ से बुला लेता है और फिर रेप होता है। 12 जनवरी को नशीली दवाएं देकर फिर रेप किया जाता है। इंसानियत उस वक्त शर्म से डूब मरती है जब बच्ची को मारने से पहले पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया भी आठ साल की मासूम से रेप करता है। उसके बाद बच्ची का गला घोंटकर मार दिया गया। एसआईटी ने ये सारी बातें अपनी चार्जशीट में लिखी हैं।
यह भी पढ़ेंः- उन्नाव-कठुआ गैंगरेप: कांग्रेस ने कहा- देश सुनना चाहता है पीएम मोदी के 'मन की बात', ये वक्त उपवास का नहीं
गैंगरेप का एक मामला उन्नाव का है। पीड़िता का कहना है कि उसके साथ बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 11 महीने पहले गैंगरेप किया था। दर-ब-दर की ठोकर खाने के बाद भी उसे इंसाफ नहीं मिल रहा। शासन और प्रशासन विधायक को बचाने में लगा है। इन दो घटनाओं ने देशभर में महिला सुरक्षा का दम भरने वाली सरकार की कलई खोल दी है। लोगों में आक्रोश है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मिडनाइट मार्च के लिए लोगों का आवाह्न किया।
12 अप्रैल की आधी रात को दिल्ली के इंडिया गेट में लोग जुटे हुए हैं। उनके एक हाथ में कैंडल है और दूसरे हाथ में तख्ती। तख्ती पर इंसाफ मांगा जा रहा है। विक्टिम का नाम 'निर्भया' से 'आसिफा' हो गया है। इस बार मार्च कांग्रेस ने बुलाया है। आरोप बीजेपी पर लगाए जा रहे हैं। '56 इंच' की सरकार की तरफ से कोई सख्त प्रतिक्रिया नहीं आ रही। लोगों का आक्रोश फिर एकबार बढ़ रहा है। 2019 के चुनाव नजदीक हैं। नारे बदल चुके हैं, 'हाय-हाय मोदी, हाय-हाय योगी'!
आपके लिए एक सवाल है। अगर आपके पास जवाब हो तो हमें जरूर लिख भेजिएगा। रिक्त स्थान भरेंः- बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार ......... सरकार?