ब्लॉग: दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत
By ऋषभ मिश्रा | Published: January 5, 2024 01:34 PM2024-01-05T13:34:21+5:302024-01-05T13:36:01+5:30
आईएमएफ के मुताबिक वर्ष 2023 से 2027 के बीच भारत की जीडीपी में 38 फीसदी की वृद्धि होगी और जापान व जर्मनी की जीडीपी में सिर्फ 15 फीसदी की वृद्धि होगी। हालांकि इसके बावजूद अमेरिका और चीन के मुकाबले भारत की जीडीपी अभी बहुत कम है।
नई दिल्ली: भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है तो इसके लिए हमें जापान और जर्मनी की जीडीपी से आगे निकलना होगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि भारत वर्ष 2027 तक ऐसा करने में सफल हो जाएगा। वर्ष 2014 से 2023 के बीच भारत की जीडीपी में 83 फीसदी, चीन की जीडीपी में 84 फीसदी, अमेरिका की जीडीपी में 54 फीसदी, ब्रिटेन की जीडीपी में 3 फीसदी, फ्रांस की जीडीपी में सिर्फ 2 फीसदी और रूस की जीडीपी में मात्र 1 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।
जाहिर है कि जीडीपी की ये वृद्धि भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। पूरी दुनिया में भारत और चीन दो ही ऐसे देश हैं जिनकी जीडीपी बहुत तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि आगे चलकर यही दो देश दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बनेंगे। अनुमान है कि आने वाले वर्षों में चीन की अर्थव्यवस्था कमजोर होती जाएगी, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ती जाएगी।
आईएमएफ के मुताबिक वर्ष 2023 से 2027 के बीच भारत की जीडीपी में 38 फीसदी की वृद्धि होगी और जापान व जर्मनी की जीडीपी में सिर्फ 15 फीसदी की वृद्धि होगी। हालांकि इसके बावजूद अमेरिका और चीन के मुकाबले भारत की जीडीपी अभी बहुत कम है। लेकिन अनुमान है कि भारत की वृद्धि दर अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा रहने वाली है। आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2027 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था 2500 लाख करोड़ रूपए की होगी। चीन की जीडीपी 2110 लाख करोड़ की होगी, जबकि भारत की जीडीपी 423 लाख करोड़ रुपए की होगी।
एक और अनुमान है कि वर्ष 2075 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था तब चीन के आसपास हो जाएगी। 2075 में चीन की अर्थव्यवस्था 4671 लाख करोड़ रूपए की, तो वहीं भारत की जीडीपी 4302 लाख करोड़ रुपए की होगी। अमेरिका की जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट देखने को मिलेगी और उसकी जीडीपी 4220 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस प्रकार भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत के पास इस समय दुनिया की सबसे ज्यादा ‘वर्किंग एज पापुलेशन’ यानी कामकाजी लोगों की संख्या है क्योंकि हमारी जनसंख्या अब चीन से भी ज्यादा है। भारत में अभी 15 से 59 वर्ष के 92 करोड़ लोग हैं और चीन के पास इसी आयु वर्ग के 91 करोड़ लोग हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री बन जाएगा क्योंकि सबसे ज्यादा काम करने वाले लोग हमारे देश में ही होंगे।