वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः युद्ध में न बदल जाए ये टकराव
By वेद प्रताप वैदिक | Updated: October 22, 2019 07:51 IST2019-10-22T07:51:38+5:302019-10-22T07:51:38+5:30
कांग्रेस समझ गई कि यदि उसने इस बार भी उल्टे-सीधे बयान दे दिए तो महाराष्ट्र और हरियाणा में उसका सूपड़ा साफ हो जाएगा. लेकिन यहां ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच चलनेवाली इस तरह की छोटी-मोटी मुठभेड़ें कहीं बड़े युद्ध की शक्ल तो नहीं ले लेंगी?

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भारत ने पाकिस्तान को फिर करारा जवाब दिया है. हमारी सेना दावा कर रही है कि यह भारत का जवाबी हमला है. उसका कहना है कि पाकिस्तान के कई आतंकवादी भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे और उनकी फौज ने हमारे फौजी ठिकानों पर हमला भी बोल दिया. भारत की ओर से इसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कहा जा रहा है. दावा है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक में कुछ पाकिस्तानी जवान और कई आतंकवादी मारे गए हैं जबकि पाकिस्तानी फौज का कहना है कि भारत सरकार के ये दावे झूठे हैं.
लगता है कि इस बार कांग्रेस काफी चतुराई से काम ले रही है. उसने कश्मीर के सवाल पर बहुत बुरा गच्चा खाया है. कांग्रेस के कश्मीरी नेता गुलाम नबी आजाद के संसद में हुए भाषण ने पूरी कांग्रेस की छवि को धक्का पहुंचाया था. इस बार कांग्रेस प्रवक्ता ने सीमा पर बहादुरी दिखाने के लिए फौज की तारीफ की, उसको बधाई दी.
कांग्रेस समझ गई कि यदि उसने इस बार भी उल्टे-सीधे बयान दे दिए तो महाराष्ट्र और हरियाणा में उसका सूपड़ा साफ हो जाएगा. लेकिन यहां ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच चलनेवाली इस तरह की छोटी-मोटी मुठभेड़ें कहीं बड़े युद्ध की शक्ल तो नहीं ले लेंगी?
कश्मीर के सवाल पर भारत का पलड़ा काफी भारी हो गया है. हमारी तरफ से किसी युद्ध या हमले की कोई गुंजाइश नहीं है. हां, पाकिस्तान जरूर दुखी है. वह खिसियाया और गुस्साया हुआ है. इमरान खान अपनी इज्जत के खातिर कोई खतरनाक कदम भी उठा सकते हैं लेकिन मैं समझता हूं कि अब सही वक्त है, जबकि दोनों देशों की सरकारों को आपस में बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए. अपने मुद्दे हल करने की तरफ दोनों देश बढ़ें तो पूरे दक्षिण एशिया का रूपांतर शीघ्र ही हो सकता है.