भारत ने आतंकवाद और नक्सलवाद की कमर तोड़ दी?, आतंकी ठिकानों को किया नेस्तनाबूद
By विवेक शुक्ला | Updated: May 31, 2025 05:15 IST2025-05-31T05:15:37+5:302025-05-31T05:15:53+5:30
ऑपरेशन ने आतंकवाद को जड़ से हिलाकर रख दिया. इसी मई महीने में नक्सलियों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई हुई.

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बेशक, भारत की भावी पीढ़ियां जब देश का इतिहास पढ़ेंगी, तो उन्हें मई 2025 का महीना बहुत रोमांचित करेगा. इस महीने में भारत ने आतंकवाद और नक्सलवाद की कमर तोड़ दी. भारत ने मई 2025 में, 7 से 10 तारीख के बीच सीमा पार से आतंक फैलाने वाले आतंकियों और उनके आकाओं पर इतनी जोरदार चोट की कि वे बरसों तक नहीं भूलेंगे. भारतीय सेना ने पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. ये आतंकी लंबे समय से कश्मीर में खून-खराबा मचा रहे थे. इस ऑपरेशन ने आतंकवाद को जड़ से हिलाकर रख दिया. इसी मई महीने में नक्सलियों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई हुई.
नक्सली दशकों से अपने ही देश के खिलाफ हथियार उठाए हुए थे, अब उनके आखिरी गढ़ टूटने के कगार पर हैं. छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर नक्सलियों का सफाया हो रहा है. खासकर, कर्रेगुटालु पहाड़ी, जो नक्सलियों का मुख्य कमांड सेंटर थी, वहां 14 मई 2025 को सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया. पहली बार वहां तिरंगा फहराया गया है.
जब 11 मई को पूरा देश ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मना रहा था, तब हमारे जवान जंगलों में नक्सलियों का पीछा कर रहे थे. नक्सलियों ने पिछले कई दशकों में सैकड़ों लोगों की हत्या की, जिसमें राजनेता, व्यापारी, पुलिस और अर्धसैनिक बल शामिल थे. याद करें 25 मई 2013 को.
उस दिन छत्तीसगढ़ की दरभा घाटी में माओवादियों ने 25 कांग्रेस नेताओं को घात लगाकर मार डाला था जिसमें महेंद्र कर्मा, नंद कुमार पटेल और विद्याचरण शुक्ला जैसे बड़े नाम शामिल थे. अब नक्सलियों का खात्मा देखकर देश को राहत मिली है. कर्रेगुटालु पहाड़ी नक्सलियों का बड़ा अड्डा थी. वहां पीपल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी जैसी नक्सली टुकड़ियों का जमावड़ा था.
यहां भर्ती, ट्रेनिंग और हथियार बनाने का काम होता था. सुरक्षा बलों को इस पहाड़ी को नक्सलियों से छुड़ाने में 21 दिन लगे. इस ऑपरेशन में 31 नक्सलियों के शव बरामद हुए, 214 नक्सली ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए. सुरक्षा बलों ने 450 आईईडी, 818 बीजीएल शेल, 899 कोडेक्स वायर और ढेर सारा विस्फोटक जब्त किया.
इस जीत ने देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया. 45 डिग्री की गर्मी में, बिना खाने-पानी के, हमारे जवानों ने अडिग हौसले से नक्सलियों को हराया. मोदी सरकार ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है. इस साल के पहले पांच महीनों में 300 से ज्यादा नक्सली मारे गए, जो पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा है.
अब नक्सलवाद का दायरा सिर्फ छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों तक सीमित है. हाल ही में 10 लाख के इनामी नक्सली पप्पू लोहारा और 5 लाख के इनामी प्रभात गंझू को मार गिराया गया. बड़े नक्सली कमांडर नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू के मारे जाने के बाद नक्सल आंदोलन की कमर टूट चुकी है. अब बड़े पैमाने पर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं.