सर्दियों में बढ़ती प्रदूषण की मार, आखिर क्या है वजह?

By निशांत | Updated: December 30, 2022 10:22 IST2022-12-30T10:22:46+5:302022-12-30T10:22:46+5:30

तापमान में जैसे-जैसे गिरावट आती है, नमी की मात्रा बढ़ने से ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं भी भारी हो जाती हैं. इससे पृथ्वी की सतह के करीब प्रदूषकों को बांध रखने के लिए हवाओं की क्षमता भी बढ़ जाती है.

Increasing air pollution in winter, what is the reason? | सर्दियों में बढ़ती प्रदूषण की मार, आखिर क्या है वजह?

सर्दियों में बढ़ रही है प्रदूषण की मार (फाइल फोटो)

सर्दियों की आमद ने एक बार फिर गंगा के मैदानी इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों के बीच ला खड़ा कर दिया है. बात की गंभीरता इसी से पता चलती है कि दिल्ली-एनसीआर में दिसंबर के पहले पखवाड़े के सबसे तेज धूप और खुले आसमान वाले दिनों में भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ की श्रेणी में ही रही.

अब चूंकि रबी की फसल की बुवाई के बाद पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तर-पश्चिमी राज्यों में पराली जलाना कम हो गया है, बढ़ते वायु प्रदूषण की जिम्मेदारी औद्योगिक गतिविधियों, परिवहन, क्षेत्रीय प्रदूषण पर है. फिलहाल यही कहा जा सकता है कि प्रदूषण के फैलाव को रोकने के लिए शहरों को सभी क्षेत्रों में और स्रोत पर उत्सर्जन में कटौती करने की आवश्यकता है. हां, ये जरूर है कि बारिश के रूप में मौसम की स्थिति कुछ तात्कालिक राहत लाएगी लेकिन बढ़ते जलवायु परिवर्तन के साथ ये भी असंगत हो गई है.

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मैदानी इलाकों में सर्दियों की बारिश का पूर्ण अभाव रहा है. इसके मद्देनजर, इस क्षेत्र में एक स्थिर हवा का पैटर्न देखा जा सकता है और उसकी गति भी बहुत धीमी है. न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है और 4 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस की सीमा में टिका हुआ है. 
जैसे-जैसे तापमान में गिरावट आती है, नमी की मात्रा बढ़ने के कारण ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं भारी हो जाती हैं. इससे पृथ्वी की सतह के करीब प्रदूषकों को बांध रखने के लिए हवाओं की क्षमता भी बढ़ जाती है. न्यूनतम तापमान जितना अधिक गिरेगा, पृथ्वी के करीब की गैसों की परत उतनी ही मोटी होगी. और यह परत जितनी मोटी होगी, सूरज की किरणों या हवाओं के लिए इस परत के माध्यम से प्रवेश करना और प्रदूषण को बहा ले जाना अधिक कठिन होगा.

सर्दियों के दौरान, वायुमंडल का सबसे निचले भाग में हवा की परत पतली होती है क्योंकि पृथ्वी की सतह के पास ठंडी हवा सघन होती है। ठंडी हवा ऊपर की गर्म हवा के नीचे फंसी रहती है जो एक प्रकार का वायुमंडलीय 'ढक्कन' बनाती है। इस घटना को कहा जाता है विंटर इनवर्ज़्न । चूँकि हवा का मिश्रण केवल इसी परत के भीतर होता है, इसलिए हवा के प्रदूषकों के पास वातावरण में फैलने के लिए इस मौसम में पर्याप्त जगह नहीं होती।

आमतौर पर साल के इस समय तक, क्षेत्र में सर्दियों की बारिश और बर्फबारी के कम से कम एक या दो दौर देखे जाते हैं। हालांकि, हिमालय में किसी भी मजबूत पश्चिमी विक्षोभ (डब्ल्यूडी) की अनुपस्थिति के कारण, बारिश पूरे मैदानी इलाकों से बच रही है। हालांकि, बीच-बीच में कमजोर पश्चिमी विक्षोभ आते रहे हैं, लेकिन वे किसी भी महत्वपूर्ण मौसम गतिविधि को शुरू करने में सक्षम नहीं थे।

Web Title: Increasing air pollution in winter, what is the reason?

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