गौरीशंकर राजहंस का ब्लॉग: अरुणाचल प्रदेश में टांग अड़ाता चीन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2020 06:05 AM2020-03-06T06:05:17+5:302020-03-06T06:05:17+5:30

जब अंग्रेजों का राज था तब उन्होंने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अंग माना था. परंतु अंग्रेजों के हटने के बाद चीन धोखेबाजी करने लगा और बार-बार कहने लगा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चीन से दोस्ती करने के लिए 2003 में यह मान लिया कि तिब्बत चीन का स्वायत्तशासी हिस्सा है. परंतु चीन को इससे संतोष नहीं हुआ. वह तभी से कह रहा है कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है.

Gaurishankar Rajhans Blog: China hinders leg in Arunachal Pradesh | गौरीशंकर राजहंस का ब्लॉग: अरुणाचल प्रदेश में टांग अड़ाता चीन

चीन का झंडा। (फाइल फोटो)

हाल ही में अरुणाचल प्रदेश पर चीन ने नए सिरे से विवाद शुरू कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश का नाम अंग्रेजों ने ‘नेफा’ या ‘नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी’ रखा था. अंग्रेजों के जाने के बाद भारत ने इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रख लिया. पंडित नेहरू सोचते थे कि जब चीन को पश्चिमी देशों से आजादी मिल जाएगी तब भारत और चीन मिल कर निकटतम दोस्त बनेंगे और एशिया में दोनों देश मिलकर एक मजबूत ताकत बन कर उभरेंगे. परंतु पंडित नेहरू गलतफहमी में थे. वे चीन की नीयत को ठीक से भांप नहीं पाए.   सच यह था कि पिछले 50 वर्षो से चीन एक विस्तारवादी देश था और दूसरों की जमीन हड़प कर अपनी सीमा को बढ़ाने में उसे कभी कोई संकोच नहीं हुआ.

जब अंग्रेजों का राज था तब उन्होंने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अंग माना था. परंतु अंग्रेजों के हटने के बाद चीन धोखेबाजी करने लगा और बार-बार कहने लगा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चीन से दोस्ती करने के लिए 2003 में यह मान लिया कि तिब्बत चीन का स्वायत्तशासी हिस्सा है. परंतु चीन को इससे संतोष नहीं हुआ. वह तभी से कह रहा है कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है. भारत सरकार ने अनेक बार चीन के इस दावे को खारिज किया है. यहां तक कि संसद में भी तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कड़े शब्दों में कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा रहा है और दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो अरुणाचल प्रदेश को भारत से अलग कर सके.

चीन का यह दावा है कि अरुणाचल प्रदेश का वह भाग जो तिब्बत की सीमा से सटा हुआ है और जहां की जनसंख्या में 80 प्रतिशत बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, वह चीन का हिस्सा है. भारत ने जोर देकर कहा है कि वह किसी भी हालत में चीन के दावे को मानने को तैयार नहीं है.  हाल ही में भारत ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण ढांचागत विकास के काम करने शुरू कर दिए जिससे निश्चित रूप से अरुणाचल प्रदेश का विकास होता. परंतु चीन ने फिर से शोर मचाया और कहा कि भारत अरुणाचल प्रदेश में कोई विकास का काम कर ही नहीं सकता है क्योंकि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है. भारत ने चीन के इस दावे का घोर विरोध किया है और अभी भी मामला उलझा हुआ है.

यह मानकर चलना चाहिए कि चीन बीच-बीच में अपनी शैतानियों से बाज नहीं आएगा. इसलिए उससे सतर्क रहने की जरूरत है.

Web Title: Gaurishankar Rajhans Blog: China hinders leg in Arunachal Pradesh

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