डॉ. एस.एस. मंठा का ब्लॉग: अपनाने होंगे नए तौर-तरीके
By डॉ एसएस मंठा | Updated: May 31, 2019 05:10 IST2019-05-31T05:10:55+5:302019-05-31T05:10:55+5:30
मोदी के इस वक्तव्य कि ‘आपका प्रत्येक मत सीधे मुझे मिलेगा’ ने इस बात को निर्थक बना दिया कि उम्मीदवार अनुभवी है, आरोपी है, नया-नवेला है, योग्य है या अयोग्य है. चुनाव प्रचार की इस पद्धति का विपक्ष मुकाबला नहीं कर पाया.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो।
वर्तमान में हमारा देश काफी उथल-पुथल भरी परिस्थिति का सामना कर रहा है. चुनाव परिणाम सामने आने के बाद देश के आधे से ज्यादा लोग उत्सव मना रहे हैं तो बाकी लोग इस दुविधा में हैं कि इन अभूतपूर्व परिणामों का सामना कैसे करें. समाज में फैली उद्विग्नता स्पष्ट दिखाई दे रही है. कुछ लोग तो किसी के भी पक्ष में न बोलकर चुपचाप रहना पसंद कर रहे हैं.
चुनाव परिणामों में जीत हासिल करने वाले दल का जश्न मनाना स्वाभाविक है क्योंकि उसने अच्छा प्रदर्शन करके अपनी सत्ता बरकरार रखी है. उसकी नीतियों को जनता ने अपना समर्थन दिया है. लेकिन इस चुनाव में जैसे आरोप-प्रत्यारोप दिखाई दिए वैसे पहले कभी देखने को नहीं मिले. ऐसा लग रहा था मानो परंपरागत लोकतांत्रिक प्रणाली अध्यक्षीय चुनाव पद्धति में बदल गई है. मोदी के इस वक्तव्य कि ‘आपका प्रत्येक मत सीधे मुझे मिलेगा’ ने इस बात को निर्थक बना दिया कि उम्मीदवार अनुभवी है, आरोपी है, नया-नवेला है, योग्य है या अयोग्य है. चुनाव प्रचार की इस पद्धति का विपक्ष मुकाबला नहीं कर पाया.
हमारे देश में अनेक दल और उनके नेता हैं. उनमें जो कभी सबसे बड़ी पार्टी हुआ करती थी, वह आज बदहाली के दौर से गुजर रही है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष का मजबूत होना जरूरी होता है, लेकिन दुर्भाग्य से देश की सबसे पुरानी पार्टी विपक्षी नेता का दर्जा हासिल करने लायक संख्याबल भी नहीं ला पाई है. अगर वह आत्मनिरीक्षण करके अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करे तो पांच वर्ष बाद अपने बल पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है.
दरअसल नई पीढ़ी देश के स्वाधीनता आंदोलन का हिस्सा नहीं रही है और उस दौर के संघर्ष से वह अपने आपको जोड़ नहीं पाती. उसकी आकांक्षाएं ऊंची हैं और वह ऊंचे जीवन स्तर की अपेक्षा रखती है. कांग्रेस को यह बात समझनी होगी और खुद को नई पीढ़ी की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालना होगा. किसी भी दल की बुनियाद उसके कार्यकर्ता होते हैं. इसलिए उनकी तरफ पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए और उसमें समाज के सभी वर्गो के लोगों को शामिल किया जाना चाहिए.