उत्तरपूर्व दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगों के करीब एक हफ्ते बाद स्थिति शांत पर तनावपूर्ण बनी हुई है। इन इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती जारी है। इधर, दिल्ली पुलिस ने दक्षिणपूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में एहतियात के तौर पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की, जहां कई महिलाएं संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं।
शाहीन बाग इलाके में धारा 144 भी लगी हुई है। पुलिस की यह तैनाती तब की गई है जब दक्षिणपंथी समूह हिंदू सेना ने एक मार्च को शाहीन बाग रोड खाली कराने का आह्वान किया था। हालांकि शनिवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने शाहीन बाग में सीएए विरोधी आंदोलन के खिलाफ अपना प्रस्तावित प्रदर्शन वापस ले लिया था। बीते दिन पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आर पी मीणा ने कहा, ‘‘समय से किए हस्तक्षेप के कारण प्रस्तावित प्रदर्शन रद्द कर दिया गया, लेकिन हमने यहां एहतियातन भारी पुलिस बल तैनात किया है।’’ अधिकारी ने बताया कि महिला सुरक्षाकर्मियों की दो कंपनियों समेत सुरक्षाबलों की 12 कंपनियों को शाहीन बाग में तैनात किया गया है। स्थानीय पुलिस के साथ चार पुलिस जिलों के 100-100 पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है।
हिंदू सेना ने एक बयान में कहा था कि पुलिस ने शाहीन बाग आंदोलन के खिलाफ रविवार के उनके प्रदर्शन को वापस लेने का उन पर दबाव बनाया। शाहीन बाग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया, “शाहीन बाग जसोला विहार में धारा 144 लागू होने की वजह से आज के शांति मार्च को टाल दिया गया है। हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहेगा। हमारे साथ आइए।”
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप शाहीन बाग संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ लोगों के एक वर्ग का 15 दिसंबर से प्रदर्शन स्थल बना हुआ है।