कोरोना: सरहदों के फासले के बीच साझा लड़ाई, पढ़ें शोभना जैन का ब्लॉग
By शोभना जैन | Published: March 14, 2020 06:07 AM2020-03-14T06:07:54+5:302020-03-14T06:07:54+5:30
सभी देश अपने-अपने नागरिकों को इस बीमारी की चपेट में आने से बचाने के लिए अन्य एहतियाती कदमों के साथ-साथ अपनी सरहदों की घेराबंदी कर रहे हैं, लेकिन साथ ही मानवता के साझा भविष्य के लिए इस बीमारी से सामूहिक रूप से मिल कर कदम भी उठा रहे हैं.
कोरोना वायरस ने दुनिया भर में एक अभूतपूर्व स्थिति बना दी है. सभी देश अपने-अपने नागरिकों को इस बीमारी की चपेट में आने से बचाने के लिए अन्य एहतियाती कदमों के साथ-साथ अपनी सरहदों की घेराबंदी कर रहे हैं, लेकिन साथ ही मानवता के साझा भविष्य के लिए इस बीमारी से सामूहिक रूप से मिल कर कदम भी उठा रहे हैं.
आज जब कि इस महामारी ने लगभग पूरी दुनिया को अपने लपेटे में ले लिया है और लोगों में दहशत है, इस तस्वीर का एक सकारात्मक पक्ष यह भी है कि सरकारें, नागरिक सभी अपने स्तर पर सावधानियां भी बरत रहे हैं. इस महामारी का राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाजारों, अर्थव्यवस्था, पर्यटन, रोजगार के साथ-साथ जनजीवन, जीने के सामान्य तौर-तरीके सभी पर अभूतपूर्व असर पड़ रहा है. बचाव बतौर अनेक देशों ने अपनी-अपनी सीमाओं की घेराबंदी कर ली है. वीजा, विदेशी दौरे रद्द किए जा रहे हैं.
बांग्लादेश में भी कोरोना वायरस के रोगी का पता लगने पर प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश की इस सप्ताह की यात्ना दोनों देशों की ‘आपसी सहमति’ से स्थगित कर दी गई है. भारत ने एक अहम फैसला करते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 15 अप्रैल तक सभी वीजा पर पाबंदी लगाने का भी अहम फैसला किया है.
इस महामारी से निपटने के लिए भारत ने चीन को मदद भेजी है. विश्व बैंक ने भी इस महामारी के दुष्प्रभाव के शिकार देशों के लिए 12 अरब डॉलर का पैकेज दिए जाने का एलान किया है. भारत जैसे देश में जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली वैसे ही खस्ता हाल में है, सरकार के प्रयास हैं कि बचाव पर पूरा ध्यान दिया जाए क्योंकि अगर यह बीमारी ज्यादा फैलती है तो निश्चय ही हमारी कमजोर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली चरमरा जाएगी.
अच्छी बात यह है कि अभी तक सरकार द्वारा उठाए जा रहे एहतियाती कदमों की वजह से कम से कम इसके तेजी से फैलाव पर कुछ अंकुश लगा दिखता है. भारत में समय रहते की गई प्रभावी कार्रवाई की वजह से कुछ हद तक फिलहाल तो इस महामारी को भयावह रूप लेने से रोकने में सफलता मिली है.
वैसे इस महामारी से निपटने में भारत के एक सकारात्मक प्रतीक को दुनिया खूब अपना रही है. हाथ मिलाने से इस रोग के संक्रमण के खतरे को भांपते हुए दूर से हाथ जोड़ कर अभिवादन करना लोगों को ज्यादा भा रहा है. अनेक वैश्विक नेता भी आपस में मिलते समय अभिवादन की इस मुद्रा में दिख रहे हैं. पूरी दुनिया इस महामारी से निपटने तथा इसका टीका विकसित करने में जुटी है. विश्वव्यापी स्तर पर जरूरत इस बात की है कि सभी देश अपने-अपने यहां इस महामारी की गिरफ्त से बचने के लिए सभी आवश्यक एहतियात तो बरतें ही, साथ ही दुनिया इस साझी लड़ाई से मिल कर निपटती रहे.