यूपी विधानसभा में किस जाति के कितने विधायक पहुँचे हैं? और क्या कहते हैं विधायकों के जातिवार आँकड़े

By रंगनाथ सिंह | Published: March 14, 2022 08:12 AM2022-03-14T08:12:53+5:302022-03-14T10:06:26+5:30

राजनीति विज्ञानी अरविन्द कुमार ने अपने ताजा आलेख में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जीतकर आये विधायकों का जातिवार आँकड़ा प्रस्तुत किया है। विधायकों की जाति से जुड़े इन आँकड़ों से हम क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? पढ़िए रंगनाथ सिंह का विश्लेषण।

caste of up new mla caste wise data of up assembly elections vidhayak | यूपी विधानसभा में किस जाति के कितने विधायक पहुँचे हैं? और क्या कहते हैं विधायकों के जातिवार आँकड़े

भाजपा नेता एवं सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से और सपा प्रमुख अखिलेश यादव करहल से चुनाव जीते हैं।

Highlightsयूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। भाजपा को 255 एवं सपा को 111 सीटों पर जीत मिली है।भाजपा गठबंधन को कुल 273 सीटों पर और सपा गठबंधन को कुल 125 सीटों पर जीत मिली है।कांग्रेस और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) को 2 और बसपा को 1 सीट पर जीत मिली है।

राजनीति विज्ञानी अरविन्द कुमार ने यूपी चुनाव से पहले सभी दलों के उम्मीदवारों का जातिगत-विश्लेषण किया था। नतीजे आने के बाद उन्होंने सभी दलों के विधायकों का जातिगत विश्लेषण किया है। समाचारसाइट प्रिंट पर छपे उनके लेख के अनुसार  "...मुसलमानों को छोड़ दिया जाए तो सबसे विविधतापूर्ण प्रतिनिधित्व भाजपा के विधायकों में है।" अरविन्द जी के अनुसार यूपी के विधायकों में 38 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग से, 33 प्रतिशत सामान्य वर्ग से, 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से और  8 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय से हैं।
 
यदि अरविन्द कुमार ने विधायकों की जाति की सही पुष्टि की है तो उनके आँकड़ों से क्या निष्कर्ष निकलता है! सबसे पहला निष्कर्ष चुनाव नतीजे आते ही साफ हो गया था कि ये चुनाव मूलतः दो गठबन्धनों के बीच था। भाजपा गठबन्धन और सपा गठबन्धन। चुनाव परिणाम आये तो इन दोनों गठबन्धनों के अलावा बाकी दलों-उम्मीदवारों को कुल 5 सीटों पर ही विजय मिली। इस द्विपक्षीय ध्रुवीकरण की वजह से सबसे ज्यादा बसपा को नुकसान उठाना पड़ा। लोग नाहक मायावती के लिए अपशब्द का प्रयोग करके अपनी जातिगत कुंठा दिखा रहे हैं। बसपा के लचर प्रदर्शन का लाभ भाजपा और सपा दोनों को मिला है। किसी को कम, किसी को ज्यादा। इस विधानसभा में कुल 29 जाटव विधायक पहुँचे हैं जिनमें से 19 भाजपा के टिकट पर जीते हैं और 10 सपा के टिकट पर जबकि जाटव को बसपा का कोर वोटर माना जाता है।
 
अरविन्द कुमार द्वारा दिये गये आँकड़ों को देखें तो यह साफ है कि यूपी के ज्यादातर जातियों के विधायक कमोबेश दोनों दलों के बीच बँटे हैं। अपनी सुविधा के लिए इन आँकड़ों को हम तीन भाग में देख सकते हैं। एक- जिन समुदायों के सभी विधायक किसी एक पार्टी के हैं। दो-  जिन जातियों में सपा का वर्चस्व है। तीन- जिन जातियो में भाजपा का वर्चस्व है।
 
मुस्लिम - 0 भाजपा - 34 सपा
कोरी - 8 भाजपा - 0 सपा
धोबी- 4 भाजपा - 0 सपा
कायस्थ - 3 भाजपा - 0 सपा
सिख - 1 भाजपा - 0 सपा
 
 यादव - 3 भाजपा - 24 सपा
राजभर - 1 भाजपा - 3  सपा
 
ब्राह्मण - 46 भाजपा - 5 सपा
राजपूत - 43 भाजपा - 4 सपा - 1 अन्य
बनिया - 21 भाजपा - 1 सपा
कुर्मी - 27 भाजपा - 13 सपा - 1 अन्य
जाटव - 19 भाजपा - 10 सपा
पासी - 18 भाजपा - 8 सपा - 1 अन्य
लोध - 15 भाजपा - 3 सपा
कोइरी- 12 भाजपा - 2 सपा
 
जाट - 8 भाजपा - 7 सपा
बिन्द-निषाद- 6 भाजपा - 2 सपा
कलवार-तेली-सुनार - 6 भाजपा - 1 सपा
गुर्जर - 5 भाजपा - 2 सपा
भूमिहार - 4 भाजपा - 1 सपा
खटिक - 4 भाजपा - 1 सपा
 
अन्य एससी-एसटी- 11 भाजपा - 1 सपा
अन्य ओबीसी - 7 भाजपा - 3 सपा
 
सपा के आलोचक उसे मुस्लिम-यादव पार्टी कहते हैं। भाजपा को उसके आलोचक ब्राह्मण-बनिया पार्टी कहते हैं। अपने विश्लेषण की सुविधा के लिए हम मान लेते हैं कि दोनों दलों के आलोचक सही कहते हैं। तो विधायकों के जातिगत आँकड़ों से क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? शायद यही कि अन्य समुदायों को अपने साथ जोड़ने में सपा विफल रही और भाजपा बहुत ज्यादा सफल रही। चूँकि भाजपा लगातार चौथी बार करीब 40 प्रतिशत या उससे ज्यादा वोट पाने में कामयाब रही है तो यह मानना होगा कि भाजपा ने जिन जातियों को अपने साथ जोड़ा है वह टिकाऊ रूप से उसके साथ खड़ी हैं। अब भाजपा को ब्राह्मण-बनिया पार्टी कहना तथ्यसंगत नहीं होगा। आलोचकों के अनुसार भाजपा ब्राह्मण-बनिया से शुरू होकर सामान्य वर्ग (ब्राह्मण-बनिया-राजपूत-कायस्थ-भूमिहार इत्यादि) की पार्टी नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय परिदृश्य में आने से पहले बन गयी थी। यूपी के पिछले चार चुनावों (दो लोकसभा, दो विधानसभा) के नतीजे इस बात की तस्दीक करते हैं कि अब भाजपा ब्राह्मण-बनिया-राजपूत-कायस्थ-भूमिहार-लोध-कुर्मी-कोइरी-कोरी-पासी-धोबी-कलवार-तेली-सुनार-बिन्द-निषाद-कश्यप-खटिक-जाट-गुर्जर इत्यादि की पार्टी बन चुकी है।

Web Title: caste of up new mla caste wise data of up assembly elections vidhayak

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