अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी बुलेट ट्रेन

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: February 16, 2023 03:51 PM2023-02-16T15:51:16+5:302023-02-16T16:05:16+5:30

तत्कालीन रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने बजट में जब देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात कही थी तो इस बात पर बहस शुरू हो गई थी कि क्या वाकई भारत को इस तरह की ट्रेनों की जरूरत है?

Bullet train will speed up the economy | अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी बुलेट ट्रेन

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsउम्मीद यह भी की जा रही है कि इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.शहरी और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.शहरों के बीच यात्रा में आसानी होगी और अन्य हाई-स्पीड परियोजनाओं का मार्ग भी प्रशस्त होगा.

भारत आने वाले पच्चीस वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सपना संजोए हुए है. यह पहले से ही परमाणु ताकत से लैस है और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में इसने अविश्वसनीय प्रगति की है. और अब भारत हाईस्पीड नेटवर्क वाले देशों के विशेष क्लब में शामिल होने के लिए लगभग तैयार है. रेलवे अपनी सुविधाओं को तेजी से अपग्रेड कर रहा है, कई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत हो चुकी है और सुविधाओं को बेहतर बनाने पर भी लगातार काम जारी है. देशवासियों को अब भी बुलेट ट्रेन का बेसब्री से इंतजार है. 

मुंबई और अहमदाबाद के बीच रेलवे की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम तेज हो गया है. इस हाई स्पीड ट्रेन का काम पूरे जोर-शोर से चल रहा है. रेलवे समय-समय पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में अपडेट देता रहता है, जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों का इंतजार कब खत्म होने वाला है. खास बात यह है कि देश की यह पहली बुलेट ट्रेन समुद्र के भीतर सात किलोमीटर सुरंग से होकर गुजरेगी. 

गौरतलब है कि भारत के पास बुलेट ट्रेनों के परिचालन की तकनीक मौजूद नहीं थी और न ही भारत के पास इतनी बड़ी पूंजी थी कि वह इस तकनीक में निवेश कर सके. जापान द्वारा सस्ता कर्ज और उसकी शिनकासेन तकनीक - दोनों को प्राप्त कर भारत ने एक तीर से दो निशाना लगाने की कोशिश की है. हाईस्पीड ट्रेन परिवहन का एक नया आयाम है और एक विशिष्ट उपक्रम भी जो मेट्रो रेल की तरह ही परंपरागत भारतीय रेलवे से बिलकुल अलग है. हालांकि बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रति महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के प्रभावित लोग विरोध दर्ज करा चुके हैं. 

इसके मद्देनजर सरकार ने मुआवजा दिलाने या किसी और जगह पर बसाने का वादा भी किया है. इस सिलसिले में दोनों राज्यों में परियोजना के लिए उपयुक्त अधिकतर जमीन का अधिग्रहण भी हो चुका है. देश की पहली बुलेट ट्रेन का काम सितंबर 2017 में गुजरात के अहमदाबाद में शुरू हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व जापानी प्रधानमंत्री दिवंगत शिंजो आबे ने संयुक्त रूप से परियोजना की आधारशिला रखी थी. रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि साल 2026 में बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल रन होगा. 

उम्मीद यह भी की जा रही है कि इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. शहरी और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. शहरों के बीच यात्रा में आसानी होगी और अन्य हाई-स्पीड परियोजनाओं का मार्ग भी प्रशस्त होगा. 

तत्कालीन रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने बजट में जब देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात कही थी तो इस बात पर बहस शुरू हो गई थी कि क्या वाकई भारत को इस तरह की ट्रेनों की जरूरत है? जहां कई देश इस प्रयास में नाकाम भी रहे, वहीं कई देशों ने इस परियोजना के संभावित प्रभावों का आकलन करते हुए इस पर आगे कार्य करने का विचार त्याग दिया. ऐसा नहीं है कि वर्तमान सरकार ही बुलेट ट्रेन को लेकर अति-महत्वाकांक्षी है. पूर्ववर्ती सरकारों ने भी इस संबंध में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं. 

ऐसे में यह कहना कि केवल उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये यह ट्रेन चलाई जा रही है, उचित नहीं है. जापान की हाई स्पीड ट्रेन शिनकासेन अत्याधुनिक तकनीक से लैस तो है ही, साथ में यहां बेहतर कार्य संस्कृति भी देखने को मिलती है. आशा है कि शिनकासेन ट्रेन अपने साथ उच्च तकनीक के साथ-साथ जापानी कार्य संस्कृति, समयबद्धता, कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता लेकर आएगी.

Web Title: Bullet train will speed up the economy

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