कई नेताओं का कद तय करेगा ये चुनाव?, कई मायनों में बड़ा दिलचस्प होने वाला...
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 7, 2025 05:17 IST2025-10-07T05:17:06+5:302025-10-07T05:17:06+5:30
Bihar Election 2025 Date: भारतीय जनता पार्टी को इस बात का पूरा भरोसा है कि सरकार वही बनाएगी लेकिन असली सवाल है कि नीतीश कुमार किस हालत में हैं?

सांकेतिक फोटो
Bihar Election 2025 Date: बिहार विधानसभा के चुनाव की तारीखें घोषित कर दी गई हैं. 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे और 14 नवंबर को परिणाम भी आ जाएंगे. बिहार विधानसभा का चुनाव कई मायनों में बड़ा दिलचस्प होने वाला है. ये चुनाव कई नेताओं के कद तय करेगा. खासकर तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर के लिए तो ये चुनाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. तेजस्वी यादव को अब तक जो भी मिलता रहा है, उनके पिता के कारण ही मिलता रहा है लेकिन ये पहली बार है जब स्वास्थ्यगत कारणों से लालू प्रसाद यादव मैदान से करीब-करीब बाहर हैं.
उनके भाई तेजप्रताप भी उनके खेमे में नहीं हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस चुनाव में राजद और खुद का कद कितना बढ़ा पाते हैं क्योंकि प्रशांत किशोर उनके यादव वोट पर हमला करते रहे हैं. वे यादवों से कहते रहे हैं कि यदि लालू प्रसाद यादव वास्तव में यादवों का भला चाहते तो किसी पढ़े-लिखे यादव को आगे बढ़ाते, न कि अपने नौवीं फेल बेटे को सिंहासन देते.
हालांकि कांग्रेस को साथ लेने में तेजस्वी सफल रहे हैं लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों के साथ से किसे फायदा होता है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार बिहार में खूब वक्त बिताया है और वोट चोर का नारा वहीं से लेकर निकले हैं लेकिन उनके नारे पर लोग कितना भरोसा करते हैं, यह तो चुनाव ही बताएगा.
बिहार में कांग्रेस की हालत पतली है इसलिए यदि कोई फायदा उन्हें मिलता है तो राहुल गांधी के कद में कुछ इजाफा हो सकता है लेकिन इसकी उम्मीद कितनी है, यह कहना जरा मुश्किल है. कन्हैया कुमार को बीच रास्ते में ही छोड़ देने का कितना हर्जाना कांग्रेस को भुगतना होगा, यह भी स्पष्ट होना है.
इस बीच सबसे बड़ा सवाल प्रशांत किशोर को लेकर है जिन्होंने दावा कर रखा है कि सरकार उन्हीं की बनने वाली है. बिहार में परिवर्तन का दौर है! यह उनका आकलन है लेकिन यह आकलन कितना सही बैठता है, यह भी कहना मुश्किल है. वे यह भी घोषणा कर चुके हैं कि यदि उनके बीस-पच्चीस विधायक जीत कर आते हैं तो वे किसी के साथ नहीं जाएंगे बल्कि अपने विधायकों से कहेंगे कि जिस पार्टी में जाना हो चले जाओ! प्रशांत किशोर की इस घोषणा ने सबको चकरा रखा है!
इस बीच भारतीय जनता पार्टी को इस बात का पूरा भरोसा है कि सरकार वही बनाएगी लेकिन असली सवाल है कि नीतीश कुमार किस हालत में हैं? क्या वे अपना जलवा कायम रख सकते हैं? उनके स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन भाजपा इस मामले में मौन है. कुल मिलाकर बिहार विधानसभा का चुनाव भाजपा के भी भाग्य तय करने वाला है. इंतजार कीजिए 14 नवंबर का कि सेहरा किसके सिर बंधता है!