वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: मिलावटखोरों को हो सजा-ए-मौत

By वेद प्रताप वैदिक | Published: April 21, 2022 04:00 PM2022-04-21T16:00:45+5:302022-04-21T16:07:41+5:30

सरकार ने ‘खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006’ में मिलावटखोरों पर 10 लाख रुपये जुर्माने और 6 माह से लेकर उम्र कैद तक का प्रावधान कर रखा है लेकिन क्या आज तक किसी को उम्रकैद हुई है? 10 लाख रुपये जुर्माने की बात अच्छी है लेकिन कितने मिलावटखोरों पर यह जुर्माना अभी तक हुआ है?

Adulterators should be punished says vedpratap vaidik in his blog | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: मिलावटखोरों को हो सजा-ए-मौत

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: मिलावटखोरों को हो सजा-ए-मौत

अगर दुनिया में मिलावटखोर देशों की खोजबीन होने लगे तो शायद हमारे भारत का नाम पहली पंक्ति में होगा। ऐसा नहीं है कि अन्य देशों में मिलावट के अपराध नहीं होते लेकिन कई देशों में मिलावटखोरों के लिए उसी सजा का प्रावधान है, जो किसी हत्यारे के लिए होता है। वास्तव में मिलावटखोर किसी भी हत्यारे से बड़ा हत्यारा होता है। मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन करनेवाले सैकड़ों और हजारों लोग धीरे-धीरे मारे जाते हैं। यह ऐसी प्रक्रिया है कि न मरनेवाले का पता चलता है और न ही मारनेवाले का।

ऐसे ही एक हत्यारे को हरियाणा के पलवल में पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। वह देसी घी के नाम पर तरह-तरह के रासायनिक पदार्थों को मिलाकर नकली घी बेचता था। वह बड़ी-बड़ी कंपनियों का खराब हुआ घी खरीदकर उन्हें सुंदर शीशियों में भरकर भी बेचता था। यह घी छोटे-मोटे दुकानदारों को काफी कम कीमत पर दिया जाता था। यह घी कई बीमारियां पैदा कर सकता है। घी में मिलावट से उतने लोग प्रभावित नहीं होते, जितने आटे और नमक में मिलावट से होते हैं। आटा और नमक तो गरीब से गरीब आदमी को भी रोज चाहिए। 

अभी सूरत में ऐसे आटे और नमक के कई प्रसिद्ध ब्रांडों के नमूने पकड़े गए हैं, जिन्हें खाने से तरह-तरह की बीमारियां हो सकती हैं। खाने-पीने की ऐसी सैकड़ों चीजें हैं, जिसमें हर दिन मिलावट होती रहती है। मिलावटी चीजें प्रतिदिन खानेवाले ऐसे करोड़ों लोग हैं, जो अपनी तबियत खराब होने पर ठीक से इलाज भी नहीं करवा सकते। ऐसा नहीं है कि सरकार इन मिलावटखोरों के खिलाफ सक्रिय नहीं है या कोई कार्रवाई नहीं करती। 

सरकार ने ‘खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006’ में मिलावटखोरों पर 10 लाख रुपये जुर्माने और 6 माह से लेकर उम्र कैद तक का प्रावधान कर रखा है लेकिन क्या आज तक किसी को उम्रकैद हुई है? 10 लाख रुपये जुर्माने की बात अच्छी है लेकिन कितने मिलावटखोरों पर यह जुर्माना अभी तक हुआ है? वास्तव में यह कानून बेहद सख्त होना चाहिए। मिलावट की गंभीरता के आधार पर सजा होनी चाहिए।

मिलावटखोरों में से दो-चार को भी फांसी की सजा दी जाए तो भावी मिलावटखोरों की हड्डियों में कंपकंपी दौड़ सकती है। मिलावटी चीजों के कारखानों में काम करनेवालों और उन चीजों को बेचनेवाले दुकानदारों के लिए भी छोटी-मोटी सजा का प्रावधान हो तो उसका भी काफी असर पड़ेगा।

Web Title: Adulterators should be punished says vedpratap vaidik in his blog

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