लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: नई बर्फीली झीलों से संकट में भारत समेत दुनिया के 1.5 करोड़ लोग!

By प्रमोद भार्गव | Updated: February 16, 2023 15:30 IST

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बर्फ के पिघलने से बनने वाली झीलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ये नए संकट का इशारा है. भारत-पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देश इस संकट से व्यापक तौर पर प्रभावित होंगे.

Open in App

तापमान बढ़ने के साथ पूरी दुनिया में ग्लेशियर यानी हिमखंड बहुत तेजी से पिघल रहे हैं. नतीजतन समूचे बर्फीले इलाकों में नई झीलों का निर्माण हो रहा है. इन झीलों के फटने की घटना अगर घटती है तो इन ग्लेशियरों के पचास किमी के दायरे में रहने वाले दुनिया के 1.5 करोड़ लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. 

इन हिमखंडों में से आधे भारत, पाकिस्तान, चीन और पेरू में हैं. नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित यूके स्थित न्यूकासल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के इस अध्ययन में कहा गया है कि खतरे का सामना कर रही दुनिया की 50 प्रतिशत यानी 75 लाख की आबादी भारत समेत इन चार देशों में रहती है. भारत में तीस लाख और पाकिस्तान में 20 लाख लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.

इस रिपोर्ट में उत्तराखंड के चमोली में फरवरी 2021 में हुई घटना का भी हवाला दिया गया है, जिसमें 80 लोगों की मौत हो गई थी. सबसे ज्यादा खतरा तिब्बत के पठार किर्गिस्तान से लेकर चीन तक है. 2022 में गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र में ग्लेशियर फटने की 16 घटनाएं घटित हुई हैं. 

हालांकि इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि 2022 में पाकिस्तान में आई बाढ़ के लिए हिमखंड का पिघलना कितना जिम्मेदार है. न्यूजीलैंड के कैंटरबरी विवि के प्राध्यापक टॉम रॉबिनसन का कहना है कि ग्लेशियर झील का फटना जमीनी सुनामी की तरह है. इसका असर किसी बांध के फटने जैसा दिखाई देगा. यह संकट बिना किसी पूर्व चेतावनी के कहर बरपा सकता है.

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बर्फ के पिघलने से बनने वाली झीलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसी अनुपात में इनके जलग्रहण क्षेत्रों में भी आबादी बढ़ती रही है. जानकारों का दावा है कि उतना खतरा झीलों के फटने से नहीं है, जितना इन झीलों के निकट जनसंख्या का दबाव बढ़ जाने के कारण है. 

गोया, झील फटती है तो झील के किनारे आबाद बस्ती के लोग संकट से घिर जाएंगे. ये झीलें ऐसे दुर्गम बर्फीले इलाकों में बन रही हैं, जहां आपदा बचाव दलों का पहुंचना भी कठिन होता है. वैसे हिमखंडों का टूटना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इनका पिघलना नई बात है.

टॅग्स :पाकिस्तानचीन
Open in App

संबंधित खबरें

विश्व'अगर भारत ने बांग्लादेश की तरफ बुरी नज़र से देखने की हिम्मत की...': पाकिस्तानी लीडर की युद्ध की धमकी, VIDEO

क्रिकेटमोहसिन नकवी ने U19 एशिया कप फाइनल के बाद ICC में शिकायत की धमकी दी, बोले- 'भारतीय खिलाड़ी उकसा रहे थे'

विश्व2021 में चीन छोड़कर हांगकांग, इक्वाडोर और बहामास होते हुए छोटी नाव से फ्लोरिडा पहुंचा गुआन हेंग?, शिनजियांग के निरोध केंद्रों का गुप्त रूप से वीडियो यूट्यूब पर जारी कर चीनी सच को दिखाया?

भारतबांग्लादेश में हिन्दू युवा के साथ हुई हिंसा के लिए बिहार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने पाकिस्तान को ठहराया जिम्मेवार, कहा- भारत की शांति में खलल पैदा करना चाहता है

क्रिकेटIND vs PAK, FINAL: अंडर-19 एशिया कप का चैंपियन बना पाकिस्तान, फाइनल में भारत को 191 रनों से हराया

भारत अधिक खबरें

भारतअरावली पर्वतमाला राष्ट्रीय धरोहर, बचाना जरूरी

भारतचार वीर साहिबजादों ने दी थी अविस्मरणीय शहादत 

भारतUddhav Thackeray Raj Thackeray: गठबंधन तो हो गया लेकिन चुनौतियां कम नहीं हैं

भारतभूल गए पैन कार्ड नंबर? आधार कार्ड के यूज से होगी रिकवरी; जानें आसान तरीका

भारतओलंपिक में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं को 3, 2 और 1 करोड़ रुपये, सांसद खेल महोत्सव-‘फिट युवा, विकसित भारत’ का भव्य समापन