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लोकमत संपादकीय: स्वाइन फ्लू से देश भर में बढ़ती मौतें चिंताजनक 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 13, 2019 06:18 IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक एच1एन1 संक्रमण से 9,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. इस बीमारी ने पिछले हफ्ते ही 86 लोगों की जान ले ली है।

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राजधानी दिल्ली और राजस्थान के बाद महाराष्ट्र में भी स्वाइन फ्लू अपना आतंक फैला रहा है. आए दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. राज्य में इस बीमारी के सैकड़ों मामले आ रहे हैं. अकेले नागपुर विभाग में ही इससे 10 लोगों की मौत हो चुकी है. मौसम में हो रहे बदलाव के कारण स्वाइन फ्लू को जन्म देने वाले वायरस को मदद मिल रही है, जिसका असर इससे प्रभावित मरीजों की बढ़ती संख्या में दिख रहा है. देश में स्वाइन फ्लू (एच1एन1 संक्रमण) के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है और उसने हालात की समीक्षा भी की है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक एच1एन1 संक्रमण से 9,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. इस बीमारी ने पिछले हफ्ते ही 86 लोगों की जान ले ली है और इसी के साथ देशभर में एच1एन1 संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 312 हो गई है. तापमान में बदलाव, खासकर नमी कम होने के कारण इसके वायरस तेजी से बढ़ रहे हैं. चूंकि स्वाइन फ्लू एक से दूसरे में हवा के जरिए फैलता है, इसलिए लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.

स्वाइन फ्लू एक प्रकार का संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से दो तरह से फैलता है. पहला, रोगी को छूने, हाथ मिलाने या सीधे संपर्क में आने से. दूसरा, रोगी की सांस के जरिए जिसे ड्रॉपलेट इंफेक्शन भी कहा जाता है. यह वायरस पीड़ित व्यक्ति के छींकने, खांसने, हाथ मिलाने और गले मिलने से फैलते हैं.

जब आप खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूक या मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाता है. ये कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं.

मसलन, दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी ये वायरस फैल सकते हैं, अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो. स्वाइन फ्लू होने पर कफ, लगातार नाक बहना, खांसी और ठंड लग सकती है, मांसपेशियों में दर्द या अकड़न, सिर में तेज दर्द हो सकता है. ऐसे कोई भी लक्षण महसूस होने पर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में न जाएं, दवा खाने के बाद भी बुखार न उतरे तो तुरंत अस्पताल जाएं.

पीड़ित मरीज जिस चीज को इस्तेमाल करे, उसे न छुएं. घर स्वच्छ रखें. खान-पान और रहन-सहन का ध्यान रखें. अपने हाथों को लगातार साबुन से साफ रखें. धूप में बैठें. बुखार हो तो लगातार पानी पीते रहे ताकि डिहाइड्रेशन न हो. डॉक्टर के निरंतर संपर्क में रहें. बचाव के मद्देनजर भीड़भाड़ वाली जगहों पर अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. 

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