रांची में हुई 100 से अधिक सुअरों की मौत, जानिए क्यों गई जान

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 6, 2022 04:38 PM2022-08-06T16:38:43+5:302022-08-06T16:49:36+5:30

झारखंड के पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने बताया कि राजधानी रांची में संदिग्ध स्वाइन के प्रकोप से अब तक लगभग 100 से ज्यादा सूअरों की मौत हो चुकी है।

More than 100 pigs died in Ranchi, know why they lost their lives | रांची में हुई 100 से अधिक सुअरों की मौत, जानिए क्यों गई जान

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsझारखंड की राजधानी रांची में बीते 27 जुलाई से अब तक 100 से ज्यादा सुअरों की मौत हो चुकी हैअकेले कांके के सरकारी सुअर प्रजनन फार्म में करीब 70 सुअरों की मौत हो चुकी हैराज्य का पशुपालन विभाग इसके लिए स्वाइन फ्लू को जिम्मेदार मान रहा है

रांची:झारखंड की राजधानी रांची में बीते 27 जुलाई से अब तक करीब 100 से ज्यादा सुअरों की मौत होने से पशुपालन विभाग में जबरदस्त हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में एक सरकारी अधिकारी ने शनिवार को बताया कि संदिग्ध स्वाइन बुखार के कारण रांची में बीते 27 जुलाई से अब तक करीब 100 से अधिक सूअरों की मौत के कारण पशुपालन विभाग ने सुरक्षात्मक कदम उठाने के साथ अलर्ट जारी किया है।

मामले में पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने बताया, “संदिग्ध स्वाइन से पीड़ित सूअरों के नमूने इकट्ठा किये गये हैं और उन्हें जांच के लिए भोपाल में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान और कोलकाता में क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।”

झा ने कहा, “सुअरों की मौत अभी तक केवल रांची जिले में हुई है और बाकि जगहों से इस तरह की कोई सूचना नहीं है। हालांकि, एहतियाती कदम उठाते हुए हमने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है और संदिग्ध स्वाइन फ्लू के बारे में कोविड​​​​-19 जैसे प्रोटोकॉल को पालन करने की सलाह जारी कर दी है।”

उन्होंने कहा कि मौत की संख्या को देखते हुए पशुपालन विभाग ने सूअरों को बचाने के लिए स्वाइन फीवर टीकाकरण अभियान भी शुरू किया है। इसके अलावा बीमारी के प्रभावित जानवरों को अलग रखने और उनकी उचित देखभाल के प्रयास भी किये जा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक रांची के कांके स्थित सरकारी सुअर प्रजनन फार्म में संदिग्ध स्वाइन फ्लू के कारण अब तक करीब 70 सुअरों की मौत हो चुकी है। इस फार्म में लगभग 760 वयस्क सूअरों सहित कुल 1100 सूअर मौजदू हैं।

रांची में सूअरों की मौत का आंकड़ा देते हुए पशुपालन अधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि विभाग के पास अभी तक मैक्लुस्कीगंज और खलारी इलाकों के अलावा चान्हो से भी करीब 40 सुअरों की मौत की खबर है।

इस संदिग्ध बीमारी के संबंध में इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन के निदेशक विपिन बिहारी महता ने कहा, "यह बीमारी झारखंड में पहली बार उभरी है। सूअरों में इसके जो सामान्य लक्षण दिखाई दिये हैं, उससे प्रतीत हो रहा है कि यह केस अफ्रीकन स्वाइन के हैं। इसमें सूअरों को बुखार आता है और फिर अचानक उनकी मौत हो जा रही है। जिन सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन के लक्षण मिलते हैं, उनमें बुखार के लक्षण सामान्य पाये जाते हैं, वो खाना-पीना बंद कर देते हैं और इलाज न मिलने पर जल्द ही मौत के आगोश में समा जाते हैं।”

महता ने कहा कि चूंकि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू बीमारी का वास्तविक उपचार और टीका हमारे पास मौजूद है, इसलिए हम प्रभावित सूअरों का लक्षण के आधार पर इलाज कर रहे हैं लेकिन 100 सूअरों की मौत हुई है। उससे गंभीर स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: More than 100 pigs died in Ranchi, know why they lost their lives

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