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अमानक दवाइयां बाजार में कैसे पहुंच जाती हैं ?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 25, 2025 07:51 IST

जांच में यदि नमूना मानक स्तर का पाया जाता है तभी दवा के उस बैच को बाजार में जाने की अनुमति दी जाए.

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पिछले दो महीनों में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जो रिपोर्ट सामने आई है, वह चौंकाने वाली है. अगस्त में सीडीएससीओ ने 94 दवाइयों को मानक के अनुरूप नहीं पाया था. 32 सेंट्रल ड्रग लैब्स में और 62 राज्यों की लैब्स में फेल हुए. इसके बाद सितंबर 2025 की जो रिपोर्ट आई उसने तो सबके कान खड़े कर दिए. कुल 112 दवाइयां मानक स्तर पर खरी नहीं उतरीं. इनमें से दवाइयों के 52 नमूने सेंट्रल ड्रग लैब्स में फेल हुए तो शेष 60 नमूने विभिन्न राज्यों की लैब्स में अमानक पाए गए.

यानी उन दवाइयों से मरीज को समुचित फायदा नहीं होने वाला है. छत्तीसगढ़ में एक दवाई नकली भी पाई गई. आपको याद होगा कि अभी मध्यप्रदेश में नकली कफ सिरप के कारण कई बच्चों की जान चली गई थी. जो दवाइयां अभी अमानक पाई गई हैं, उनका उपयोग हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, संक्रमण, गैस्ट्रिक, दर्द और खांसी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारियों में होता है.

अब आपके मन में यह सवाल पैदा हो रहा होगा कि इतनी सारी दवाइयों के अमानक पाए जाने के बाद अब क्या होगा. तो इसका सरकारी जवाब है कि संबंधित विभाग अब दवा कंपनियों को नोटिस जारी करेगा कि इन अमानक दवाइयों को बाजार से वापस बुला लिया जाए. यह पत्र जब तक कंपनियों के पास पहुंचेगा तब तक काफी कुछ दवाइयों तो लोग हजम कर चुके होंगे.

उन्हें क्या पता कि जिस दवाई को वे इस विश्वास में खा रहे हैं कि उन्हें रोग से मुक्ति मिलेगी, वो दवाइयां अमानक हैं. उससे उन्हें समुचित फायदा नहीं होने वाला है. मगर इस सवाल का जवाब सरकार भी नहीं देगी कि ये दवाइयां अमानक थीं तो ये बाजार में पहुंचीं कैसे? कायदे से नियम तो यही है कि दवाइयो के बाजार में पहुंचने से पहले हर बैच की दवाई का नमूना पहले सेंट्रल लैब या राज्यों की लैब में भेजा जाए. जांच में यदि नमूना मानक स्तर का पाया जाता है तभी दवा के उस बैच को बाजार में जाने की अनुमति दी जाए.

इसके लिए सरकारी स्तर पर भी पूरा महकमा काम करता है. खुद दवा कंपनियों के पास गुणवत्ता प्रमाणित करने के लिए विशेषज्ञ केमिस्ट होते हैं. इसके बावजूद यदि अमानक स्तर की दवाइयां बाजार में पहुंच रही हैं तो इसका मतलब साफ है कि कहीं न कहीं धोखाधड़ी हो रही है.

सरकार को इस दिशा में गंभीरता के साथ ध्यान देना चाहिए और अमानक स्तर की दवा बाजार में पहुंचाने वालों के खिलाफ उसी तरह की कार्रवाई होनी चाहिए जैसे हत्या के प्रयास में कार्रवाई होती है. यह मामला गंभीर है और अमानक तथा नकली दवाइयां बनाने वालों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है.

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