लाइव न्यूज़ :

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजनाः बुजुर्गों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा मुहैया करवाने की पहल

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 31, 2024 05:28 IST

Ayushman Bharat Health Insurance Scheme: योजना को प. बंगाल की ममता सरकार तथा दिल्ली की ‘आप’ सरकार ज्यादा उपयोगी नहीं मानतीं और एक सराहनीय कदम पर दुर्भाग्य से आरोपों की झड़ी लगा रही हैं.

Open in App
ठळक मुद्देआयुष्मान योजना घोटालों का पिटारा है. योजना की कुछ खामियों को उजागर किया है.मतलब यह नहीं है कि यह योजना निरुपयोगी है.

Ayushman Bharat Health Insurance Scheme: आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना 70 वर्ष और उससे ज्यादा आयु के बुजुर्गो के लिए मंगलवार से पूरे देश में लागू हो गई. गरीब 6 करोड़ बुजुर्गों के लिए संजीवनी साबित होने वाली इस योजना को प. बंगाल तथा दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकारें लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं. इस योजना को प. बंगाल की ममता सरकार तथा दिल्ली की ‘आप’ सरकार ज्यादा उपयोगी नहीं मानतीं और एक सराहनीय कदम पर दुर्भाग्य से आरोपों की झड़ी लगा रही हैं.

ममता तथा ‘आप’ सरकार  का दावा है कि उनके राज्यों में उन्होंने जो स्वास्थ्य योजनाएं लागू की हैं, वे आयुष्मान योजना से बेहतर हैं. उनका आरोप है कि आयुष्मान योजना घोटालों का पिटारा है. इसके लिए आम आदमी पार्टी ने भारत के नियंत्रक तथा महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट का हवाला दिया है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में इस योजना की कुछ खामियों को उजागर किया है.

इसका मतलब यह नहीं है कि यह योजना निरुपयोगी है. आयुष्मान योजना गरीब तथा मध्यम वर्ग के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है. देश के अधिकांश राज्यों में वहां की सरकारों ने चाहे वे किसी भी पार्टी की हों, वे आम आदमी को मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अलग योजनाएं शुरू की हैं मगर उन्होंने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना को खारिज नहीं किया.

वहां आयुष्मान योजना एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में उपलब्ध है. हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेस की सरकारें हैं. इन सरकारों ने अपने राज्य में 10 लाख तक की नि:शुल्क चिकित्सा उपलब्ध करवाने वाली योजनाएं चला रखी हैं, मगर उन्होंने आयुष्मान योजना को भी लागू किया है. देश में दूरदराज के गांवों को छोड़िए, शहरों तथा महानगरों तक में लोगों को रियायती दरों पर अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है. बेहतर इलाज के लिए लोग बड़े शहरों का रुख करते हैं और निजी अस्पतालों का बिल उनकी जमीन, घर तथा गहने बिकवा देता है.

तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस चिकित्सा सुविधावाले महानगरों में रहनेवाला सामान्य व्यक्ति भी पैसों के अभाव में ठीक से इलाज नहीं करवा पाता. ऐसे में राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजनाओं ने गरीब तबके तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाईं. आयुष्मान योजना का विस्तार 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए किसी सपने के साकार होने से कम नहीं है.

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शरीर को घेरने लगती हैं. सरकारी सेवाओं से रिटायर होने वाले बुजुर्गों को पेंशन मिलती है लेकिन वे भी महंगे इलाज का खर्च वहन नहीं कर पाते. ऐसे में उन बुजुर्गों की कल्पना कीजिए जिन्हें न पेंशन मिलती है और न ही उनके पास पर्याप्त आमदनी का कोई जरिया है. छोटे शहरों तथा गांवों में तो बुजुर्गों को इलाज के लिए बेहद गंभीर संकट का सामना करना पड़ता है.

 गांवों में अधिकांश परिवार गरीब या निम्न मध्यमवर्गीय होते हैं. वे दो वक्त की रोटी कमाने के लिए दिनभर मशक्कत करते हैं. ऐसे में वे अपने परिवार के बीमार बुजुर्ग सदस्य की चिकित्सा करवाने के लिए पूरी तरह ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर रहते हैं जहां डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, दवाएं और इलाज से जुड़ी अन्य आधुनिक सुविधाएं अक्सर उपलब्ध नहीं रहतीं.

इन परिवारों के पास इतनी क्षमता भी नहीं होती कि वे अपने बीमार  बुजुर्ग को  बड़े सरकारी अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए बड़े शहरों में ले जाएं. निजी अस्पतालों में इलाज  करवाने की तो गरीब परिवार कल्पना तक नहीं कर सकते. उच्च मध्यम तथा धनाढ्य परिवारों में बुजुर्गों के अच्छे से अच्छे इलाज के लिए पैसे की कमी नहीं रहती.

गरीब निम्न मध्यम वर्ग और यहां तक कि मध्यम वर्ग के सामने गंभीर रोगों से पीड़ित बुजुर्गों के महंगे इलाज का भार वहन करने की क्षमता नहीं होती. मध्यम वर्गीय परिवार बुजुर्गों का एक सीमा तक इलाज करवाने के बाद आगे की चिकित्सा के लिए असहाय महसूस करने लगता है. ऐसे में आयुष्मान योजना जैसी पहल ने चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में प्रेरणादायी कार्य किया है.

यह सुविधा बुजुर्गों को उपलब्ध करवा देने से अब उनके इलाज के लिए जनता के अधिकांश हिस्से को धन की व्यवस्था करने के लिए भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी. आयुष्मान योजना से बुजुर्गों का महंगा  इलाज भी मुफ्त होगा. इससे करोड़ों बुजुर्गों के जीवन में नई आशा का संचार होगा.

विपक्षी दलों की प्रादेशिक सरकारों को ऐसी सराहनीय योजना  पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. सभी राजनीतिक दल जब यह दावा करते हैं कि उनका लक्ष्य राष्ट्रहित तथा गरीब वर्ग का कल्याण है, तो उन्हें आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को असरदार ढंग से लागू करवाने में सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए.  

टॅग्स :नरेंद्र मोदीAam Aadmi Partyममता बनर्जी
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत