नशीले पदार्थों की जब्ती के बढ़ते मामले चिंताजनक, पुलिस, खुफिया तंत्र के साथ समाज को भी लड़ना होगा इसके खिलाफ

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: October 8, 2022 05:35 PM2022-10-08T17:35:49+5:302022-10-08T17:35:49+5:30

देश और समाज को टूटन और बर्बादी से बचाना है तो पुलिस और खुफिया तंत्र को तो अतिरिक्त सतर्कता बरतनी ही होगी, समाज को भी अपने तौर पर अभियान चलाना होगा।

drug destruction day 2022 Increasing cases of drug seizures are worrying | नशीले पदार्थों की जब्ती के बढ़ते मामले चिंताजनक, पुलिस, खुफिया तंत्र के साथ समाज को भी लड़ना होगा इसके खिलाफ

नशीले पदार्थों की जब्ती के बढ़ते मामले चिंताजनक, पुलिस, खुफिया तंत्र के साथ समाज को भी लड़ना होगा इसके खिलाफ

देश में नशीले पदार्थों की जब्ती के लगातार कई मामले सामने आए हैं। खुफिया तंत्र और पुलिस अब अलर्ट मोड में हैं और तमाम कड़े कदम भी उठाए जा रहे हैं। ताजा मामला मुंबई एयरपोर्ट पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों द्वारा की गई बड़ी कार्रवाई का है। टीम को खुफिया जानकारी मिली थी कि एक पैसेंजर ड्रग्स की तस्करी की कोशिश कर रहा है। फिर अधिकारियों ने जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ लिया। उसके कब्जे से 100 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 16 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई है। 

चिंता की बात है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी नशे के कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रही है। जगजाहिर है कि नशे का कारोबार न केवल देश के युवाओं को बर्बाद कर रहा है बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन रहा है। इस बात के भी पुख्ता सबूत हैं कि नशीले पदार्थों की तस्करी के पैसे का इस्तेमाल अक्सर आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए किया जाता है। 

ड्रग्स तस्करी सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ करने, सरकारी अधिकारियों से सांठ-गांठ करने, छिपने के स्थान उपलब्ध कराने और नए आतंकियों की भर्ती का महत्वपूर्ण माध्यम है। देश में जून महीने की शुरुआत में, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ‘ड्रग्स डिस्ट्रक्शन डे’ अभियान के तहत भारत में 14 स्थानों पर 42000 किलो अवैध मादक पदार्थ को नष्ट किया था। 

इससे पहले भी करीब 36 मीट्रिक टन नष्ट किए गए ड्रग्स की कीमत हजारों करोड़ आंकी गई थी। दुनिया भर में ड्रग्स का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती जा रही है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। जो आंकड़े मिल रहे हैं वे दुनिया भर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे के पैमाने को दर्शाते हैं। नशीले पदार्थ के दुरुपयोग से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। नशीली दवाओं का दुरुपयोग वैश्विक चिंता का विषय है। 

वैश्विक मादक पदार्थों की तस्करी का व्यापार खरबों रुपये में चलता है। इससे भी बुरी बात यह है कि इस तस्करी के पैसे का इस्तेमाल अक्सर गलत कामों के लिए किया जाता है। हमारे देश में पारंपरिक नशे जैसे कि तंबाकू, शराब, अफीम के अलावा सिंथेटिक ड्रग्स स्मैक, हेरोइन, कोकीन, मारिजुआना आदि का उपयोग तेजी से बढ़ा है। मादक पदार्थों का इस्तेमाल कर व्यक्ति का माइंडवॉश करके किसी के भी खिलाफ नफरत पैदा की जा सकती है। 

ऐसे देश और लोग जो वैश्विक शांति भंग करना चाहते हैं वे ड्रग तस्करी और आतंकवाद दोनों को फलने-फूलने का मौका और संरक्षण प्रदान करते हैं। मादक पदार्थों का उपयोग हमारे स्वास्थ्य, शांति और विकास को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। देश और समाज को टूटन और बर्बादी से बचाना है तो पुलिस और खुफिया तंत्र को तो अतिरिक्त सतर्कता बरतनी ही होगी, समाज को भी अपने तौर पर अभियान चलाना होगा।

Web Title: drug destruction day 2022 Increasing cases of drug seizures are worrying

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे