India Women TEAM: शुरुआती संघर्ष के बाद चमक रहा महिला क्रिकेट, छोटे शहर से आकर धमाल कर रहीं बेटियां

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 19, 2025 05:22 IST2025-09-19T05:22:33+5:302025-09-19T05:22:33+5:30

India Women TEAM: महिला विश्व कप क्रिकेट चैंपियनशिप इस महीने के अंत में भारत (और श्रीलंका) में शुरू हो रही है, यह समय है कि हम एशिया कप विवाद के परे जाएं और पुरुष क्रिकेट से थोड़ा बाहर निकल कर इसे भी देखें.

India Women's cricket shines after initial struggles wpl bcci BLOG Abhilash Khandekar | India Women TEAM: शुरुआती संघर्ष के बाद चमक रहा महिला क्रिकेट, छोटे शहर से आकर धमाल कर रहीं बेटियां

photo-bcci

Highlightsवाडेकर के नेतृत्व में 1971 के इंग्लैंड दौरे ने भारतीय क्रिकेट के बारे में धारणा पूरी तरह बदल दी.दिग्गजों के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में ऐतिहासिक जीत क्रिकेट जगत में एक बड़ी खबर बन गई थी.भारतीय प्रशंसकों को अब जिस सीमित ओवरों की प्रतियोगिता का बेसब्री से इंतजार है, वह अपनी शुरुआत से अब तक का 13वां संस्करण है.

अभिलाष खांडेकर

भारत में महिला क्रिकेट का इतिहास अपेक्षाकृत नया है, लेकिन इसने पुरुषों के मुकाबले तेजी से विकास किया है. आधिकारिक तौर पर महिला क्रिकेट के मुकाबले सत्तर के दशक की शुरुआत में मुंबई, लखनऊ, पुणे और इंदौर में आयोजित होने लगे थे. यानी कर्नल सीके नायडू की कप्तानी में 1932 में पहली भारतीय पुरुष टीम के इंग्लैंड दौरे के चार दशक बाद. चूंकि महिला विश्व कप क्रिकेट चैंपियनशिप इस महीने के अंत में भारत (और श्रीलंका) में शुरू हो रही है, यह समय है कि हम एशिया कप विवाद के परे जाएं और पुरुष क्रिकेट से थोड़ा बाहर निकल कर इसे भी देखें.

सत्तर का दशक वह दौर था जब भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा के लिए जाना नहीं जाता था. ओलंपिक या विश्व कप में हॉकी टीमों के प्रदर्शन को छोड़कर भारत का कोई नामोनिशान नहीं था. नवाब मंसूर अली खान पटौदी, चंदू बोर्डे, फारुख इंजीनियर, दिलीप सरदेसाई, अजित वाडेकर जैसे नामी खिलाड़ी और बिशन सिंह बेदी, प्रसन्ना, वेंकट राघवन और चंद्रशेखर की प्रसिद्ध स्पिन चौकड़ी निस्संदेह उस समय घरेलू क्रिकेट में चमकते सितारे थे. वाडेकर के नेतृत्व में 1971 के इंग्लैंड दौरे ने भारतीय क्रिकेट के बारे में धारणा पूरी तरह बदल दी.

दिग्गजों के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में ऐतिहासिक जीत क्रिकेट जगत में एक बड़ी खबर बन गई थी और भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छा गया था. इसके ठीक दो साल बाद लखनऊ में महिला क्रिकेट की औपचारिक शुरुआत हुई और यह खेल पूरे देश में फलने-फूलने लगा. दिलचस्प बात यह है कि पहला महिला विश्व कप पुरुषों से दो साल पहले, 1973 में आयोजित किया गया था.

भारतीय प्रशंसकों को अब जिस सीमित ओवरों की प्रतियोगिता का बेसब्री से इंतजार है, वह अपनी शुरुआत से अब तक का 13वां संस्करण है. अब तक केवल तीन देशों ने ही महिला विश्व कप जीता है-ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड. मौजूदा चैंपियन ‘कंगारू’ टीम ने सात बार और इंग्लैंड ने चार बार चमचमाती आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की है.

वैसे विभिन्न खेलों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नाम जिन महिलाओं ने रोशन किया है उनमें पीटी उषा, मैरी कॉम, कर्णम मल्लेश्वरी, पीवी सिंधु, सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, अंजलि भागवत, अश्विनी नचप्पा, पहलवान फोगट बहनें, साक्षी मलिक, संध्या अग्रवाल और मिताली राज प्रमुख रूप से शामिल हैं. आखिरी दोनों नाम महिला क्रिकेटरों के हैं जिन्होंने भारत और विदेशों में महिला क्रिकेट को स्थापित किया.

इंदौर की तेज-तर्रार और छोटी कद-काठी वाली बल्लेबाज संध्या ने अपने करियर की शुरुआत हैप्पी वांडरर्स क्लब से की थी, जहां उन्हें एक बेहतर शौकिया क्रिकेट प्रशिक्षक मधुकर सोमण का मार्गदर्शन मिला था. वर्ष 1986 में एक टेस्ट मैच में अपनी शानदार बल्लेबाजी से उन्होंने विश्व कीर्तिमान बनाया था.

उन्होंने इंग्लैंड की धरती पर वॉर्सेस्टरशायर में शक्तिशाली इंग्लैंड के खिलाफ दो दिनों में 190 रन बनाकर इंग्लैंड की बेट्टी स्नोबॉल द्वारा 1935 में बनाए गए 189 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. बेट्टी ने वह विशाल स्कोर क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था. उस समय भारतीय महिला क्रिकेट की जानी-मानी हस्ती भारतीय कप्तान डायना एडुल्जी ने संध्या को संदेश भेजा था कि उन्हें अपने विकेट पर डटे रहना चाहिए, क्योंकि वह विश्व रिकॉर्ड से बस कुछ ही रन दूर थीं. संध्या ने ‘लोकमत समाचार’ से बात करते हुए कहा, ‘मुझे 50 साल पहले बने उस रिकॉर्ड के बारे में कुछ भी पता नहीं था...

मैं अपने लिए कोई रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं खेल रही थी...निश्चित ही वह अविस्मरणीय दिवस था देश के लिए.’ अभी हाल तक भारतीय महिला क्रिकेट की कप्तान रहीं मिताली राज को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 से ज्यादा वर्षों के अपने लंबे कार्यकाल में भारत में महिला क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाना चाहिए.

दाएं हाथ की इस बल्लेबाज ने न केवल सबसे लंबे समय तक भारत का नेतृत्व किया, बल्कि उनके नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज हैं, जिनमें 2017 में विश्व स्तर पर ‘विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ का विश्व प्रसिद्ध पुरस्कार भी शामिल है. पिछले कुछ वर्षों में महिला क्रिकेट ने काफी तरक्की की है. यह समय है थोड़ा अतीत में झांकने का.

वर्ष 1973 में, लखनऊ में भारतीय महिला क्रिकेट संघ (डब्ल्यूसीएआई)  की स्थापना महेंद्र शर्मा नामक एक खेल संगठक ने की थी. कहा जाता है कि उन्होंने 1972-73 में पहला स्थानीय क्रिकेट मैच आयोजित किया था और लखनऊ में मैच की घोषणा करने के लिए शर्मा ऑटोरिक्शा से शहर भर में घूमे थे ताकि भीड़ इकट्ठा हो सके.

महिला क्रिकेट के वे दिन थे, जब न तो पैसा था, न ही ज्यादा खिलाड़ी थे और न ही रंगीन टीवी पर लाइव मैच की आकर्षक तस्वीरें दिखाई जाती थीं. जल्द ही, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की मां प्रेमला ताई चव्हाण महिला क्रिकेट की अ.भा. प्रमुख बनीं और उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय प्रतियोगिताओं को आयोजित करना शुरू कर दिया.

राज्य संगठनों का भी गठन किया गया और रानी झांसी प्रतियोगिता को महिला रणजी ट्रॉफी की तर्ज पर शुरू किया गया. राष्ट्रीय स्तर पर शांता रंगास्वामी, डायना एडुल्जी और उनकी बहन बेहरोज, नीलिमा जोगलेकर, फौजिया खलीली, शर्मिला चक्रवर्ती, पुणे की शुभांगी कुलकर्णी ने भारतीय टीमों का प्रतिनिधित्व करना शुरू कर दिया था.

पहला टेस्ट मैच 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला गया और दो साल बाद 1978 में विश्व कप भी खेला गया था. यह वह गति थी जिससे भारत में महिला क्रिकेट का विकास हुआ था. महिला क्रिकेट संस्था के बीसीसीआई में 2006 में विलय के बाद परिस्थितियां काफी अच्छी हो गई हैं. ज्यादा सुविधाओं, ज्यादा संसाधनों, टीवी कवरेज वगैरह ने अब महिला क्रिकेट की दुनिया बदल दी है.

आईपीएल की तर्ज पर महिला लीग की लोकप्रियता बढ़ रही है और अधिक खिलाड़ी मैदान की ओर आकर्षित हो रही हैं. मध्य प्रदेश के मंडला या छतरपुर जैसे पिछड़े इलाकों की लड़कियां अब विदेशों में चमक रही हैं. भारत भले ही अभी तक विश्व कप न जीत पाया हो, लेकिन भारतीय लड़कियों में वो प्रतिभा और जज्बा है कि वे एक दिन प्रतिष्ठित ट्रॉफी घर ला सकती हैं. कप्तान और उपकप्तान, हमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना को 13वें विश्व कप के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं.  

Web Title: India Women's cricket shines after initial struggles wpl bcci BLOG Abhilash Khandekar

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