अयाज मेमन का कॉलम: भारतीय टेस्ट इतिहास की सबसे करारी हार
By अयाज मेमन | Published: December 20, 2020 09:58 AM2020-12-20T09:58:20+5:302020-12-20T09:59:09+5:30
चार मैचों की सीरीज में भारतीय टीम अब 0-1 से पिछड़ गई है। दोनों टीमों के बीच दूसरा मुकाबला 26 दिसंबर (बॉक्सिंग डे) से मेलबर्न में खेला जाएगा...
खेल में कुछ रोमांचक हार होती है तो कुछ शर्मनाक. एडिलेड टेस्ट में शनिवार को भारत को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की ऐसी हार जिसे हम भूलना चाहेंगे.
जब खेल शुरू हुआ तो हम जीत के दावेदार थे. लेकिन कुछ ही ओवरों में टीम ताश के पत्तों की तरह लड़खड़ा गई. डिनर के बाद मेजबानों ने शानदार जीत अपने नाम दर्ज करा ली. टीवी पर मैच देखना मुश्किल हो गया था. भारतीय बल्लेबाज विकेट पर समय बिताने के बजाय वापस लौटने में जल्दबाजी दिखा रहे थे. कोहली के आउट होने के बाद तो होड़ ही मच गई.
टेस्ट क्रिकेट में सबसे न्यूनतम स्कोर का कारनामा न्यूजीलैंड के नाम पर है. वर्ष 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ ऑकलैंड पर खेले गए टेस्ट में टीम महज 26 रन पर सिमट गई थी. हालांकि कोहली एंड कंपनी ने 36 रन पर आउट होकर अजित वाडेकर (42 रन) के उस शर्मनाक प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया जो उसने 1974 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था. इस खराब प्रदर्शन के ढेर सारे कारण दिए जा सकते हैं, जैसे- विदेश में खराब प्रदर्शन, पिंक बॉल टेस्ट का कम अनुभव, बॉयो बबल का प्रभाव, अभ्यास मुकाबलों की कमी, गलत चयन आदि.
हालांकि मेरी नजर में इसके कोई मायने नहीं हैं. पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने गजब की गेंदबाजी की. इन दोनों ने विकेट को खूब भुनाया. खासतौर से कमिंस ने पुजारा और कोहली को आउट कर बड़ी भूमिका निभाई. वहीं भारतीय बल्लेबाजों ने विकेट पर टिके रहने की जरा भी कोशिश नहीं की. यही वजह रही कि कोई भी बल्लेबाज दहाई पार नहीं कर पाया. अब यह कहना कि टीम में रोहित शर्मा, ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार नहीं थे, तो इसे मूर्खता ही माना जाएगा. टीम की यह विदेशी धरती पर इस वर्ष की लगातार तीसरी (दो न्यूजीलैंड में) करारी हार रही. इस शर्मनाक हार के बाद कोच रवि शास्त्री एवं थिंक टैंक को भारतीय खिलाडि़यों की खामियों पर गौर करने की जरूरत है.
इस करारी हार के बाजवूद भारतीय गेंदबाजों ने बढि़या प्रदर्शन किया. हालांकि उनकी मेहनत बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के कारण धुल गई. अब टीम के सामने कप्तान कोहली की अनुपस्थिति में बड़ी चुनौती होगी. जडेजा और शमी की चोट परेशानी का सबब होगी. ऐसे में रहाणे, पुजारा, साहा को अहम योगदान देना होगा.