अयाज मेमन का कॉलम: मिताली-हरमनप्रीत के बीच विवाद चिंताजनक, महिला क्रिकेट को होंगे ये बड़े नुकसान
By अयाज मेमन | Updated: November 29, 2018 09:32 IST2018-11-29T09:32:26+5:302018-11-29T09:32:26+5:30
कप्तान हरमनप्रीत कौर और कोच रमेश पवार के साथ मिताली राज की तू-तू मैं-मैं महिला क्रिकेट में बड़ा मुद्दा बन चुका है।

मिताली राज और हरमनप्रीत कौर
कप्तान हरमनप्रीत कौर और कोच रमेश पवार के साथ मिताली राज की तू-तू मैं-मैं महिला क्रिकेट में बड़ा मुद्दा बन चुका है। टी-20 विश्व कप के सेमी-फाइनल में भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में मिताली को बाहर रखा। इससे पूर्व के मैचों में वह दो अर्धशतक जड़ चुकी थीं।
मिताली के ईमेल से शुरू हुआ असली विवाद
असल विवाद की शुरुआत मिताली द्वारा बीसीसीआई को भेज गए ई-मेल से हुई। उन्होंने सीईओ राहुल जोहरी को विस्तार से लंबा-चौड़ा ई-मेल भेजा। मिताली ने बेहद कड़े और स्पष्ट शब्दों में शिकायत करते हुए उनके साथ अपमानजनक व्यवहार की बात की। इस अनुभवी क्रिकेटर ने इस प्रकरण में हरमनप्रीत और रमेश पवार के साथ-साथ सीओए सदस्य डायना एडुल्जी को भी लपेटा। उनसे समर्थन न मिलने की बात कहकर मिताली ने विवाद को गहरा दिया।
बीसीसीआई-सीओए के बीच विवाद आया सामने
मिताली विवाद के साथ बीसीसीआई-सीओए विवाद भी सामने आ रहा है। बीसीसीआई और सीओए के बीच अधिकारों को लेकर एक अनूठी स्पर्धा रंग ला रही है। ई-मेल के सार्वजनिक होते ही खलबली मच गई। सचिव अमिताभ चौधरी ने इसकी जांच की। अहम बात तो ये है कि उनका भी ई-मेल सार्वजनिक हो गया था। इससे पूर्व विंडीज में मौजूद टीम प्रबंधन को भेजा गया पत्र भी सार्वजनिक हो गया था।
मिताली-हरमनप्रीत आपस में सुलझा सकती थीं मामला
असल में इस विवाद को मिताली और हरमनप्रीत आपस में बैठकर सुलझा सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह माना जाता है कि ड्रेसिंग रूम में सारा कुछ बढ़िया होता है, लेकिन हमेशा ही ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि खिलाड़ी भी एक मानव ही तो हैं। खिलाड़ियों के बीच प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष एक स्पर्धा होती है, जिससे इगो की लड़ाई शुरू होती है। यह सब चलते रहता है, लेकिन इसे टैकल करना बेहद जरूरी होता है।
दो खिलाड़ियों के विवाद से दो भागों में बंट जाती है टीम
जब दो खिलाड़ियों के बीच विवाद उत्पन्न होता है तो इससे टीम दो भागों में बंट जाती है। भारतीय क्रिकेट इससे पूर्व भी इस तरह की स्थितियां पैदा हुई हैं। लिहाजा, एक हिसाब से मिताली की शिकायत गलत भी नहीं है। लेकिन आखिर टीम चयन का अधिकार कप्तान और कोच का ही होता है। मिताली जिस अपमानजनक बर्ताव की बात कर रही है, उस पर सीओए को जांच करनी चाहिए थी। यही कारण रहा कि उन्होंने डायना एडुलजी पर नाराजगी जाहिर की।
इस तरह के विवाद महिला क्रिकेट को पहुंचाएंगे नुकसान
महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ सभी मिलकर सोचना चाहिए लेकिन यदि विवाद बीसीसीआई के साथ होगा तो लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं हो पाएगा। महिला क्रिकेट बीसीसीआई के अधीन आने के बावजूद अपेक्षा के अनुरूप प्रगति नहीं कर पाया है। ऐसे में इस तरह के विवाद और नुकसान पहुंंचाएंगे। लिहाजा, सबसे पहले मिताली और हरमनप्रीत को आपस में बैठकर विवाद सुलझाना होगा क्योंकि, ये दोनों भारतीय महिला क्रिकेट की अहम सदस्य हैं।