अश्विनी महाजन का ब्लॉग: केंद्रीय बजट : विकास के साथ रोजगार सृजन पर हो जोर

By अश्विनी महाजन | Updated: July 22, 2024 10:10 IST2024-07-22T10:09:04+5:302024-07-22T10:10:56+5:30

2023-24 में, जून के पहले सप्ताह तक विदेशी मुद्रा भंडार 665.8 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, और जश्न मनाने के लिए बहुत से कारण हैं.

Union Budget: Emphasis should be on employment generation along with development | अश्विनी महाजन का ब्लॉग: केंद्रीय बजट : विकास के साथ रोजगार सृजन पर हो जोर

Photo Credit: ANI

अंतरिम बजट फरवरी 2024 में वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया था, अब जुलाई 2024 में पूर्ण केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करने का समय आ गया है. 19 जून को एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों को आगामी बजट के बारे में अपना दृष्टिकोण देने के लिए आमंत्रित किया गया.

सरकारी हलकों में लोग 8.2 प्रतिशत की उच्च जीडीपी वृद्धि, 9.9 प्रतिशत की तेजी से बढ़ते विनिर्माण, अप्रैल 2024 में सीपीआई मुद्रास्फीति के 4.82 प्रतिशत के साथ मुद्रास्फीति में कमी, डब्ल्यूपीआई में कमी, राजकोषीय घाटे के बजट अनुमानों से कम रहने, रुपए में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 1.4% की बहुत कम दर गिरावट, और भुगतान संतुलन (बीओपी) में चालू खाता घाटा जीडीपी के बमुश्किल 0.7% रहने को लेकर उत्साहित हैं. 

2023-24 में, जून के पहले सप्ताह तक विदेशी मुद्रा भंडार 665.8 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, और जश्न मनाने के लिए बहुत से कारण हैं. अब मोदी 3.0 के सामने चुनौती इस वृद्धि को बनाए रखने के साथ-साथ मुद्रास्फीति, विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने की है. 

बैठक में मौजूद सभी अर्थशास्त्री सरकार की राजकोषीय समझदारी, विनिर्माण संवृद्धि और भुगतान घाटे जैसे मुद्दों से निपटने की सराहना कर रहे थे. राजकोषीय समझदारी से कभी समझौता नहीं किया जा सकता. मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने और विकास को बढ़ावा देने के लिए यह एक पूर्व शर्त है. कम राजकोषीय घाटे को जारी रखने के बारे में आम सहमति थी. 

चूंकि सरकार ने पहले ही अंतरिम बजट 2024-25 में जीडीपी के 5.1% के राजकोषीय घाटे का प्रस्ताव रखा है, इसलिए सरकार के लिए इससे विचलित होने का कोई कारण नहीं है. लेकिन कुछ ऐसी जरूरतें हैं जिनके कारण सरकार को पूंजीगत व्यय, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के लिए अधिक धन की आवश्यकता हो सकती है. 

प्रधानमंत्री आवास योजना सहित कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च; पीएलआई योजना, विशेष रूप से नए क्षेत्रों में उसके विस्तार के साथ. इसके अलावा बेरोजगारी की समस्या, विशेष रूप से शिक्षित युवा बेरोजगारी को संबोधित करने की भी तत्काल आवश्यकता है. बैठक में मौजूद कुछ अर्थशास्त्रियों ने नई तकनीक, खास तौर पर एआई के कारण नौकरियों के नुकसान के बारे में चिंता जताई. 

एक राय यह थी कि हालांकि हम नई तकनीक के उपयोग से बच नहीं सकते और न ही बचना चाहिए, लेकिन चूंकि इससे नौकरियां जा रही हैं, इसलिए जो लोग लाभ उठा रहे हैं, उन्हें नुकसान उठाने वालों, यानी वे कर्मचारी जिनकी नौकरियां जा रही हैं या नौकरी के बाजार में नए प्रवेशकर्ता, जिन्हें नौकरी नहीं मिल रही है, की भरपाई करनी चाहिए.

Web Title: Union Budget: Emphasis should be on employment generation along with development

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