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सवाल है कि साइबर हमला किया किसने था ?

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: December 6, 2025 12:32 IST

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अब यह करीब-करीब तय हो गया है कि नवंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल के ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम में जो तकनीकी खराबी आई थी, वह कोई सामान्य घटना नहीं थी बल्कि साइबर हमला था. तकनीकी भाषा में इसे जीपीएस स्पूफिंग कहते हैं. सरकार ने माना है कि दिल्ली के साथ अन्य दूसरे एयरपोर्ट्स से भी स्पूफिंग के अलावा ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम से भी छेड़छाड़ की शिकायतें मिली थीं. इस साइबर हमले के कारण 800 उड़ानों पर असर पड़ा था. वह तो सौभाग्य से हमारे विशेषज्ञों ने समय रहते संकट को पहचान लिया अन्यथा मामला बहुत गंभीर हो सकता था. बहुत सीधी भाषा में बात करें तो सिस्टम से छेड़छाड़ के कारण नेविगेशन के गलत संकेत दुर्घटना का भी कारण बन सकते थे. वह तो भला हो हमारे विमानन तकनीकी विशेषज्ञों का और पायलट्स की सतर्कता का, जिन्होंने समझ लिया कि जो संकेत मिल रहे हैं वो ठीक नहीं हैं. तो सवाल पैदा होता है कि सिस्टम पर साइबर अटैक किसने किया? सीधे तौर पर किसी को दोषी ठहराना वाजिब नहीं होगा लेकिन यह अंदाजा तो सरकार को भी है कि हमला किसने कराया. माना जाता है कि दुनिया में साइबर अपराधियों के कई गैंग काम कर रहे हैं जो हमले की सुपारी भी लेते हैं. नॉर्थ कोरिया की तो सरकार ही ऐसे अपराधियों को प्रशिक्षित करती है और किम जोंग उन को तो साइबर अपराध का सरगना भी कहा जाता है. उसकी दोस्ती चीन से है और चीन की दोस्ती पाकिस्तान से है. चीन और पाकिस्तान दोनों ही हमारी तरक्की से जल रहे हैं. तो क्या हमारे किसी पड़ोसी ने इसके लिए सुपारी दी थी? कहना मुश्किल है लेकिन तकनीक के इस  युग में हमारी सरकार यह पता तो लगा ही सकती है कि साइबर हमला कैसे हुआ और उसके पीछे कौन था? संभव है कि हमारी सरकार को पता भी चल गया हो और कूटनीतिक कारणों से सीधे आरोप चस्पा नहीं किए जा रहे हों मगर सरकार को इस मामले में पारदर्शिता रखनी चाहिए. यदि पता चल गया है या भविष्य में पता चल जाए तो देश की जनता को बताना चाहिए कि ये साइबर हमला किसने किया? देश को पता हो तो एक दबाव बनता है और उस दबाव का असर पूरी दुनिया में होता है. इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान  रखने की जरूरत है कि साइबर सुरक्षा में हम कैसे चूके? अब तो भविष्य की सारी जंग ही साइबर की दुनिया में होगी, ऐसे में यदि हम जरा सा भी कमजोर रहे तो हमारे लिए मुश्किल हो जाएगी. जरूरत इस बात की है कि हम तकनीकी रूप से न केवल सशक्त बनें बल्कि हमले को वक्त से पहले ही विफल कर देने की ताकत भी हममें होनी चाहिए. 

टॅग्स :Cyber Crime Police StationCyber Wing of Mumbai Police
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