ब्याज दर घटाकर ग्राहकों को लाभ दें बैंक, मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: December 12, 2025 05:48 IST2025-12-12T05:47:35+5:302025-12-12T05:48:15+5:30
Reserve Bank of India: आरबीआई के द्वारा हाल ही में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में की गई कटौती के बाद रेपो रेट अब 5.25 प्रतिशत हो गई है.

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Reserve Bank of India: हाल ही में नौ दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर संजय मल्होत्रा ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों के मुख्य कार्याधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कहा कि रिजर्व बैंक के द्वारा पांच दिसंबर को ब्याज दरों में कटौती के मद्देनजर रेपो रेट में 25 आधार अंक की जो कटौती की गई है, उसका लाभ बैंकों के द्वारा विभिन्न वर्ग के ग्राहकों तक पहुंचाया जाना जरूरी है. गौरतलब है कि आरबीआई के द्वारा हाल ही में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में की गई कटौती के बाद रेपो रेट अब 5.25 प्रतिशत हो गई है.
इस समीक्षा बैठक में कहा गया है कि देश में इस समय महंगाई रिकॉर्ड निचले स्तर 2.2 फीसदी पर है. चालू वित्त वर्ष 2025-26 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ का अनुमान 7.3 फीसदी है. भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत रफ्तार पकड़ रही है और आगे भी यही रुझान बना रहने की पूरी उम्मीद है.
साथ ही रिजर्व बैंक दिसंबर महीने में बैंकिंग सिस्टम में पैसों की कमी को दूर करने और नगदी लंबे समय तक बनाए रखने के लिए अहम कदम उठाने जा रहा है. ऐसे में तेजी से आगे बढ़ रहे सुकूनदेह आर्थिक परिदृश्य के मद्देनजर आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कमी की संभावना भी उभरकर दिखाई दे रही है.
निस्संदेह रिजर्व बैंक के द्वारा ब्याज दर घटाए जाने का एक खास कारण महंगाई पर प्रभावी नियंत्रण है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां अक्तूबर 2025 में खुदरा महंगाई घटकर पिछले 10 साल के न्यूनतम स्तर 0.25 प्रतिशत पर आ गई, वहीं थोक महंगाई 27 महीने के निचले स्तर शून्य से 1.21 प्रतिशत नीचे रही है.
महंगाई में आई गिरावट के पीछे विगत 22 सितंबर से लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार की भी अहम भूमिका है. जीएसटी दरों में की गई कमी से खाने-पीने की सभी वस्तुएं सस्ती हुई हैं. ऐसे में इस समय भारत में महंगाई में तेज गिरावट से सस्ते कर्ज की राह आसान हुई है.
निश्चित रूप से अब ब्याज दर घटाए जाने के कारण सस्ते कर्ज से आर्थिक गतिविधियों में तेजी की संभावना विकास दर को बढ़ाने के लिए सकारात्मक संदेश है. इस समय जब भारत ट्रम्प टैरिफ और वैश्विक व्यापार अनिश्चितता के दौर में चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहा है, तब सस्ता कर्ज उद्योग-कारोबार और सर्विस सेक्टर को नई शक्ति देगा.
उम्मीद करें कि आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा के द्वारा नौ दिसंबर को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उच्च बैंक अधिकारियों से ब्याज दर घटाने का जो आग्रह किया गया है, उसका परिपालन किया जाएगा और घटी हुई ब्याज दर से सभी वर्ग के बैंक ग्राहक लाभान्वित होंगे.
उम्मीद करें कि हाल ही में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में महंगाई में कमी व बाजार की जरूरत के लिए मौद्रिक नीति को उदार बनाने और ब्याज दर में कटौती के अहम फैसले से हर तरह के कर्ज सस्ते होंगे. इससे उद्योग-कारोबार की गतिशीलता बढ़ेगी, ईएमआई घटने से आम आदमी की खर्च योग्य आय बढ़ेगी, बाजार मांग में मजबूती और निवेश के नए माहौल को बल मिलेगा और अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ेगी.