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जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर बढ़ रहा है भारत

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: July 30, 2024 10:40 IST

इन दिनों प्रकाशित हो रही वैश्विक आर्थिक एवं वित्तीय संगठनों की रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया गया वर्ष 2024-25 का बजट उद्योगों को समृद्ध करने का बजट है. 

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ठळक मुद्देनए बजट में सरकार ने यह समस्या दूर करने की कोशिश की है. हम उम्मीद करें कि भारत लक्ष्य के अनुरूप निर्यात बढ़ाने में सफल होगा और नए मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में दिखाई दे सकेगा. यह बात भी महत्वपूर्ण है कि एक औद्योगिक पार्क में एक आइटम से जुड़े उत्पादन की तमाम सुविधाएं दी जा सकती हैं.

इन दिनों प्रकाशित हो रही वैश्विक आर्थिक एवं वित्तीय संगठनों की रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया गया वर्ष 2024-25 का बजट उद्योगों को समृद्ध करने का बजट है. 

इस बजट के माध्यम से जिस तरह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करते हुए आयात घटाने व निर्यात बढ़ाने के अभूतपूर्व प्रावधान किए गए हैं, उनसे भारत के नए मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है. गौरतलब है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर देश से निर्यात और रोजगार सृजन दोनों में अहम योगदान देता है और इसके प्रोत्साहन के लिए इस बजट में खास ख्याल रखा गया है. 

इस बजट के माध्यम से औद्योगिक क्लस्टर पर फोकस किया गया है. औद्योगिक क्लस्टर उन्हें कहा जाता है, जहां एक ही जगह किसी आइटम के निर्माण से जुड़ी तमाम  सुविधा उपलब्ध होती है, मैन्युफैक्चरिंग आसान हो जाती है और उसकी लागत भी कम हो जाती है. वित्त मंत्री ने बजट में देश के 100 शहरों में प्लग एंड प्ले वाले औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा की है. 

केंद्र, राज्य और निजी सेक्टर की आपसी सहभागिता से प्लग एंड प्ले सुविधा वाले औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे. खास बात बात यह है कि उद्यमी को ऐसे औद्योगिक पार्क में जाकर सिर्फ उत्पादन शुरू करना होता है. मुख्य रूप से नए निर्यातकों तथा उद्यमियों को मैन्युफैक्चरिंग के प्रति आकर्षित करने के लिए प्लग एंड प्ले मॉडल लाया जाता है. 

उल्लेखनीय है कि निर्यात बढ़ाने के मद्देनजर चीन व अन्य देशों में वर्षों से प्लग एंड प्ले मॉडल पर मैन्युफैक्चरिंग हो रही है और वहां कई जगहों पर उद्यमी को मशीन तक लगाने की जरूरत नहीं होती. नए बजट के प्रावधानों के तहत 100 शहरों में प्लग एंड प्ले सुविधा वाले औद्योगिक क्लस्टर या पार्क के विकसित होने से कम से कम 100 प्रकार के आइटम का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो सकता है. 

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि एक औद्योगिक पार्क में एक आइटम से जुड़े उत्पादन की तमाम सुविधाएं दी जा सकती हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को निर्यात बढ़ाने के मद्देनजर सशक्त बनाया है. ज्ञातव्य है कि देश के जीडीपी और निर्यात दोनों में ही 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान देने वाले एमएसएमई को सर्वाधिक कठिनाई कर्ज लेने में आती है. 

नए बजट में सरकार ने यह समस्या दूर करने की कोशिश की है. हम उम्मीद करें कि भारत लक्ष्य के अनुरूप निर्यात बढ़ाने में सफल होगा और नए मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में दिखाई दे सकेगा. ऐसे में यदि हम नए बजट में उद्योग-कारोबार को सौंपी गई नई निर्यात रणनीतियों के साथ लगातार आगे बढ़ेंगे तो भारत 2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर के निर्यात लक्ष्य को पाने में सफल होगा.

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