ऋषभ मिश्रा का ब्लॉग: उपयोगिता बढ़ने से बढ़ रही चांदी की मांग
By ऋषभ मिश्रा | Updated: July 2, 2024 10:53 IST2024-07-02T10:51:47+5:302024-07-02T10:53:12+5:30

प्रतीकात्मक तस्वीर
बीते मई माह में गर्मी की तरह ही चांदी ने भी सभी भारतीय रिकॉर्ड तोड़ दिए और एक लाख रुपए प्रति किलो के करीब तक पहुंच गई. बीते चार दशकों में इसके दाम 26 गुना से भी ज्यादा बढ़ चुके हैं. मांग की तुलना में चांदी की खनन गतिविधियां लगभग स्थिर हैं, बल्कि इसमें आंशिक गिरावट भी आई है.
2015 में जहां चांदी का वैश्विक खनन 89.7 करोड़ आउंस (एक आउंस यानी 28.34 ग्राम के बराबर) हुआ था, वहीं 2023 में यह गिरकर 82.4 करोड़ आउंस रह गया. जबकि मांग में लगातार बढ़ोत्तरी बनी रही. पिछले दो दशक में उद्योगों और प्रौद्योगिकी में चांदी की उपयोगिता बढ़ी है. इलेक्ट्रिक कारों की बैटरियां, सोलर पैनल्स, मोबाइल-कम्प्यूटर, एयर कंडीशनर्स और वाॅटर फिल्टर ये पांच ऐसे उत्पाद हैं, जिनकी आने वाले समय में बाजार में हिस्सेदारी और बढ़ेगी.
विशेषज्ञों के अनुसार चांदी की 30 से 40 फीसदी तक खपत इन्हीं पांच इंडस्ट्री में होने वाली है. ‘इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी’ की हालिया रिपोर्ट कहती है कि पिछले एक साल में सोलर पावर में इस्तेमाल होने वाले फोटोवोल्टेइक पैनल्स में निवेश एक साल पहले की तुलना में दोगुना होकर 80 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. फोटोवोल्टेइक पैनल्स में चांदी का काफी इस्तेमाल होता है. खासकर इसमें चीन काफी निवेश कर रहा है.
तो इससे भी चांदी की वैश्विक मांग में बढ़ोत्तरी होगी. साल 2024 में ही चांदी की वैश्विक मांग में 1.2 अरब आउंस की बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है. चांदी सबसे बढ़िया सुचालक होती है. 100 के स्केल पर इसे पूरे 100 अंक मिलते हैं, जबकि तांबे को 97 अंक मिलते हैं. इसलिए सोलर पैनल्स पर चांदी का पेस्ट किया जाता है. इससे जब सूरज का प्रकाश उसके पैनल्स पर गिरता है, तब सिलिकॉन के इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं.
और चांदी इलेक्ट्रिसिटी को तुरंत गतिशील कर देती है. सिनेमा के पर्दे को भी सिल्वर स्क्रीन यूं ही नहीं कहा जाता है. दरअसल सिनेमा की शुरुआत में फिल्में प्रोजेक्टर के जरिये दिखाई जाती थीं. पर्दे को ज्यादा चमकदार बनाने के लिए तब स्क्रीन को मेटैलिक सिल्वर से कोट किया जाता था. उसी से यह शब्द उत्पन्न हुआ. दुनिया में छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 757 सक्रिय सिल्वर माइंस हैं.
इनमें भारत में केवल 6 माइन्स हैं. ‘यूएस जियोलॉजिकल सर्वे’ के अनुसार चांदी के उत्पादन में सबसे ऊपर मेक्सिको देश है जो कि 6400 टन चांदी का उत्पादन करता है. इसके बाद चीन 3400 टन, फिर पेरू 3100 टन, इसके बाद चिली 1400 टन और फिर पोलैंड देश है जो कि 1300 टन चांदी का उत्पादन करता है.
इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा चांदी का 43 टन उत्पादन राजस्थान करता है. इसके बाद 11 टन आंध्र प्रदेश, 6 टन तेलंगाना, 5 टन हरियाणा और 4 टन झारखंड जैसे राज्य चांदी का उत्पादन करते हैं.