Caste Census: पटना हाईकोर्ट में जातीय गणना पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित, जानें कब क्या हुआ

By एस पी सिन्हा | Published: July 7, 2023 05:31 PM2023-07-07T17:31:58+5:302023-07-07T17:33:02+5:30

Caste Census: कोर्ट को बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में  प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है।

Caste Census obc Patna High Court completed hearing petitions challeng caste enumeration and economic survey in Bihar reserved decision | Caste Census: पटना हाईकोर्ट में जातीय गणना पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित, जानें कब क्या हुआ

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Highlightsमुख्य न्यायाधीश के वी चंद्रन की खंडपीठ लगातार पांच दिनों तक सुनवाई की।सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया। जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है।

पटनाः पटना हाइकोर्ट ने बिहार में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया। इस मामले में दायर याचिकायों पर मुख्य न्यायाधीश के वी चंद्रन की खंडपीठ लगातार पांच दिनों तक सुनवाई की।

आज भी राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि ये सर्वे है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के संबंध में आंकड़ा एकत्रित करना, जिसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के किया जाना है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में  प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है।

महाधिवक्ता ने कहा कि जातियां समाज का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हर धर्म में अलग अलग जातियां होती है। इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसीको बाध्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है।

ऐसा सर्वेक्षण राज्य सरकार के अधिकारक्षेत्र में  है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इससे सर्वेक्षण से किसी के निजता का उल्लंघन नहीं हो रहा है। महाधिवक्ता शाही ने कहा कि बहुत सी सूचनाएं पहले से ही  सार्वजनिक होती हैं। इससे पहले हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार द्वारा की जा रही जातीय व आर्थिक सर्वेक्षण पर  रोक लगा दिया था।

कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है? कोर्ट ने ये भी पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं? साथ ही ये भी जानना कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या?

आज  की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने इस जातीय सर्वेक्षण के उद्देश्य के सम्बन्ध में  कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर जातीय सर्वेक्षण किया गया। सरकार ने बताया कि सर्वेक्षण कार्य का 80 फी सदी कार्य पूरा  हो गया, पर इसका उद्देश्य  स्पष्ट नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता के हितों और कल्याण के लिए इस सर्वेक्षण किया जा रहा है, पर ये सर्वेक्षण से आम नागरिकों को किस प्रकार से लाभ मिलेगा, इसे राज्य सरकार ने कहीं भी स्पष्ट नहीं किया गया है। इस मामले पर शीघ्र निर्णय दिये जाने की संभावना है। कारण कि इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में  14 जुलाई को सुनवाई होनी है।

Web Title: Caste Census obc Patna High Court completed hearing petitions challeng caste enumeration and economic survey in Bihar reserved decision

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