Bihar Politics News: भाजपा ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर बिहार में यादव नेताओं के बीच खलबली मच दी है। दरअसल, भाजपा ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री घोषित कर बिहार के यादव क्षत्रपों का खेल बिगाड़ दिया है। यादव पिछड़ों का एक प्रमुख समुदाय है। इसका प्रभाव मध्य प्रदेश के साथ बिहार में अधिक है।
बिहार में यादवों का वोट लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। बिहार में यादवों की आबादी बड़ी है। बिहार में 40 लोकसभा सीटों में से अधिकतर सीटों पर यादव मतदाताओं का प्रभाव है। वैसे भी अभी बिहार में कराए गए जाति सर्वे में यादवों का प्रतिशत 14 है। ऐसे में भाजपा राजद जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का यादव समाज पर एकाधिकार खत्म करना चाहती है।
मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने यादव की राजनीति करने वाले दलों को बड़ा धक्का दिया है। यादव मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा के बाद अब भाजपा की सहयोगी पार्टियों ने लालू-तेजस्वी पर बड़ा प्रहार किया है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ओबीसी के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
बिहार में लालू यादव का यादव मतदाताओं पर पूर्ण एकाधिकार है। अब इस समाज से आने वाले नेता को भाजपा ने आगे किया है। मोहन यादव न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि बिहार में भी कारगर साबित हो सकते हैं। मोहन यादव को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने के निर्णय के बाद भाजपा की सहयोगी पार्टी ने लालू-तेजस्वी पर तीखा तंज कसा है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) ने कहा है कि अब तो कथित समाजवादियों का खास जाति पर पेटेंट भी खत्म हो गया। जातिवाद की राजनीति करने वाले युवराज अब क्या करेंगे? हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री संतोष कुमार मांझी ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा है कि 'सर मुंडाते ही ओले पड़े'। उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा,'' सर मुंडाते ओले पड़े.. भाजपा ने मोहन यादव जी को मुख्यमंत्री बनाकर खास जाति पर कथित समाजवादियों का पेटेंट भी खत्म कर दिया। जातिवादी राजनीति के युवराज अब क्या करेंगे..?