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यूरोपीय शहरों की तरह सुंदर दिखेंगी दिल्ली की सड़कें, नहीं रहेगा जाम का झाम, पैदल और दिव्यांग लोगों की सुविधा पर भी जोर

By रजनीश | Updated: July 29, 2020 18:47 IST

सड़कों पर उड़ने वाली धूल और जाम की समस्या दिल्ली की एक बड़ी समस्या में से एक है। और इसका प्रभाव उन विदेशी यात्रियों पर भी पड़ता है जो दिल्ली घूमने आते हैं।

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ठळक मुद्देसड़कों को बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल पर डिजाइन किया जाएगा।सड़क के किनारे दीवारों पर विभिन्न प्रकार के डिजाइन बनाए जाएंगे।

दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में 100-फुट चौड़ी 500 किलोमीटर की सड़कों को यूरोप के शहरों की तरह रीडिजाइन करने की तैयारी में है। इस बारे में मंगलवार को आधिकारिक तौर जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यूरोपीय शहरों की तर्ज पर दिल्ली में 7 सड़कों को नए सिरे से बनाने के संबंध में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की समीक्षा बैठक की। 

एचटी ऑटो की खबर के मुताबिक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 500 किलोमीटर तक दिल्ली की सभी 100 फुट चौड़ी सड़कें पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार और नए सिरे से तैयार की गई चांदनी चौक की मुख्य सड़क की तर्ज पर बनाई जाएंगी।

3 हफ्ते में मांगा प्लानइस मामले में मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी से तीन हफ्ते में डिटेल प्लान देने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, "दिल्ली देश की राजधानी है। इस परियोजना के जरिए, यह हमारा सपना है कि दिल्ली अन्य वैश्विक राजधानी शहरों की तरह दिखे। यह दुनिया में भारत की बेहतर छवि पेश करेगा।" उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग विदेश से दिल्ली आते हैं और अगर यहां की सड़कें सुंदर और भीड़-मुक्त रहेंगी तो दुनिया में भारत की एक अलग छवि पेश होगी। 

15 साल तक देखरेख का जिम्मा निर्माण कंपनी करेगीबयान में यह भी कहा गया कि सड़कों को बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल पर डिजाइन किया जाएगा। इन सड़कों को बनाने वाली कंपनी की ही जिम्मेदारी 15 साल तक सड़कों के देखरेख की होगी। 

पहले सात सड़कों को रीडिजाइन करने की समय सीमा दिसंबर 2019 थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बढ़ाकर अगस्त 2021 तक कर दिया गया है। 

पैदल यात्रियों की सुविधा पर जोरइसके बाद अगला लक्ष्य शहर में सड़कों की मौजूदा जगह की दक्षता को बढ़ाना होगा। पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए फुटपाथों की औसतन 10 फीट की दूरी तय की जाएगी।

धूल नियंत्रण का उपायधूल को नियंत्रित करने के लिए किसी भी सतह को खुला नहीं छोड़ा जाएगा। बयान में कहा गया है कि सड़कों पर धूल न हो इसके लिए घास और छोटे पौधे लगाए जाएंगे। 

दिव्यांग जनों के लिए नई डिजाइनशारीरिक रूप से दिव्यांग जनों की सुविधा के लिए मानक ऊंचाई के अनुसार फुटपाथों को फिर से डिजाइन किया जाएगा। ई-वाहनों और ऑटो के पार्किंग के लिए अलग स्थान के साथ ही एक साइकिल लेन भी होगी। 

रेनवाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर ड्रेनेज सिस्टम के अंदर बनाए जाएंगे। साथ ही सड़क के किनारे दीवारों पर विभिन्न प्रकार के डिजाइन बनाए जाएंगे। 

टॅग्स :दिल्ली सरकाररोड सेफ्टीअरविंद केजरीवाल
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