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देशभर में होने वाले विरोध प्रदर्शनों के चलते कार से लेकर घड़ी तक का कारोबार प्रभावित, खाली रह जाते हैं शोरूम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 13, 2020 15:48 IST

हर साल 15 जनवरी तक काजीरंगा के आसपास के सभी रिजॉर्ट औऱ होटल पूरी तरह से भर जाते हैं लेकिन अशांति के चलते इस बार अधिकतर खाली पड़े हैं। काजीरंगा में जंगल सफारी के लिए प्रतिदिन 300 गाड़ियों की परमिशन है लेकिन इस साल हर दिन लगभग सिर्फ 20 गाड़ियों का ही आवागमन हो रहा है।

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ठळक मुद्देट्रेवेल ग्रुप STIC के चेयरमैन सुभाष  गोयल ने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शन लंबे समय तक जारी रहता है तो ट्रेवेल इंडस्ट्री प्रभावित होगी।देशभर में फैली अशांति के चलते कारों की खरीद में कमी आई है और 2020 की शुरुआत भी ऐसी ही है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का असर अब कई कॉर्पोरेट सेक्टरों पर दिखने लगा है। विरोध प्रदर्शन का असर ऑटोमोबाइल, रेस्टोरेंट और यहां तक कि घड़ी के व्यापार पर भी देखने को मिलने लगा है। टाइटन कंपनी लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी घड़ी निर्माता टाइटन कंपनी लिमिटेड का जिसका देश के लगभग 8 हजार करोड़ रुपये के घड़ी बाजार पर नियंत्रण है। रेगुलेटरी फाइलिंग से यह बात निकलकर आई कि दूसरे छमाही में नॉर्थ ईस्ट सहित देश के अन्य हिस्सों में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के चलते कंपनी के सभी डिवीजन की बिक्री में प्रभाव पड़ा है। 

दो प्रमुख कार निर्माता कंपनियों के बड़े अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि विरोध प्रदर्शनों के चलते दिसंबर महीने में देशभर के कई शोरूमों में गिरावट देखी गई और ये गिरावट 2020 में भी जारी है।

इसके अलावा ऑटो कंपनियों ने टूटे हुए शिपमेंट और सप्लाई में बाधा की बात भी किया है। इसके चलते डीलरशिप में समय से माल भी नहीं पहुंच पा रहा है जिससे स्टॉक न होने से डीलरशिप की इन्वेंट्री भी प्रभावित हो रही है।

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधित्व में रेस्टोरेंट मालिकों ने दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता जैसे शहरी इलाकों में सड़क पर होने वाली हिंसा के साथ राज्य के प्रशासन द्वारा लगाए जाने प्रतिबंधित आदेशों की तरफ भी इशारा किया है। जिसके चलते फूड बिजनेस प्रभावित हो रहा है।

ट्रेवेल इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों और अपने सरकारों की तरफ से जारी किए गए सलाह के चलते विदेशी पर्यटक नॉर्थ ईस्ट के स्थानों का भ्रमण कैंसल कर रहे हैं। रूस, अमेरिका, कनाडा, यूके और इजराइल उन देशों में से हैं जिन्होंने अपने नागरिकों को भारत, खासतौर पर नॉर्थ ईस्ट के इलाकों का दौरा करते समय सावधानी बरतने की सलाह जारी किया है।

दिसंबर में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के चलते शोरूम में आने वाले ग्राहकों में भी कमी आई है। देशभर में फैली अशांति के चलते कारों की खरीद में कमी आई है और 2020 की शुरुआत भी ऐसी ही है। एक प्रमुख कार निर्माता के इंडिया चीफ ने कहा कि विरोधपूर्ण और सामाजिक अशांति के ऐसे माहौल में मुझे कारों की बिक्री का समाधान जल्द नहीं दिख रहा।

एक दूसरे प्रमुख कार निर्माता कंपनी के अधिकारी ने कहा कि ऑटोमोबाइल निर्माताओं के राहत की बात ये है कि विरोध प्रदर्शन करने वालों ने हाईवे को जाम नहीं किया जिससे ट्रांसपोर्टेशन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। 

ट्रेवेल ग्रुप STIC के चेयरमैन सुभाष  गोयल ने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शन लंबे समय तक जारी रहता है तो ट्रेवेल इंडस्ट्री प्रभावित होगी। IATO के पूर्व प्रेसीडेंट ने कहा कि यह पीक सीजन है और अधिकतर बुकिंग पहले से की गई थी इसलिए अभी तक इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। लेकिन यदि विरोध जारी रहा तो आगामी सीजन प्रभावित हो सकता है। 

गोयल ने कहा कि हम विदेशी पर्यटकों से बात कर रहे हैं और उन्हें बता रहे हैं कि ये विरोध क्षेत्र विशेष तक सीमित हैं और उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन सभी के लिए सही नहीं हो सकता। खासतौर पर जो असम के ट्रेवेल बिजनेस से जुड़े हैं। जो टूर ऑपरेटर असम के काजीरंगा नेशनल पार्क से जुड़े हैं उनका पूरा पीक सीजन खराब हो गया।

हर साल 15 जनवरी तक काजीरंगा के आसपास के सभी रिजॉर्ट औऱ होटल पूरी तरह से भर जाते हैं लेकिन इस साल काफी ज्यादा खाली पड़े हैं। यहां जंगल सफारी के लिए प्रतिदिन 300 गाड़ियों की परमिशन है लेकिन काजीरंगा में जंगल सफारी के लिए इस साल हर दिन लगभग सिर्फ 20 गाड़ियों का ही आवागमन हो रहा है। पर्यटकों पर निर्भर सभी व्यवसाय काफी प्रभावित हुए हैं।

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