कई राज्य सरकारें अल्पसंख्यकों के नरसंहार के कट्टरपंथियों के आह्वान पर मूकदर्शक बनी हुई हैं और देश ने राजनीतिक नेताओं को मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाते हुए देखा है इसलिए मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून पारित करने का झारखंड विधानमंडल का कार्य ऐसे सम ...
इतिहास गवाह है कि इस तरह की पक्षपातपूर्ण सोच अपनानेवाले देश तबाह हो गए. नाजी जर्मनी और हाल में म्यांमार तथा पाकिस्तान की घटनाएं इसका जीवंत उदाहरण हैं. ...
सबसे अच्छा उपहार जो हम पैगंबर साहब को उनके जन्मदिवस पर दे सकते हैं, वह है अपनी बेटियों को शिक्षित करने और उन्हें समकालीन ज्ञान से लैस करने का संकल्प लेना। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ये बेटियां कल की मां और आने वाली पीढ़ी की पहली शिक्षिका हैं। ...
इन मौलिक अधिकारों का क्या होगा? क्या ये सिर्फ कागजों पर ही रह जाएंगे या कल्याणकारी नीतियां जारी रहेंगी? केंद्र सरकार के मोनेटाइजेशन (मौद्रीकरण) अभियान के मद्देनजर भारतीयों को परेशान करने वाले ये कुछ सवाल हैं ...
कानून बनाने वालों की जिम्मेदारी बहुत अहम होती है, उनका एक वोट लाखों परिवारों की किस्मत बदल देता है। चूंकि संसद कानूनों पर चर्चा करने के लिए पर्याप्त समय देने में सक्षम नहीं है इसलिए कार्यपालिका में संसद के समक्ष लाए बिना महत्वपूर्ण नीतियां बनाने की प ...
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 से लागू है, लेकिन साथ ही हम देख रहे हैं कि स्कूल अलग-अलग बोर्डो, जैसे आईसीएसई, सीबीएसई, स्टेट बोर्ड आदि से संबद्ध हैं. ...