कौन हैं स्वाति घोष?, दक्षिण कोरिया में आयोजित एचडब्ल्यूपीएल वर्ल्ड पीस समिट में खास पहचान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 18, 2025 21:05 IST2025-09-18T21:04:28+5:302025-09-18T21:05:53+5:30

निर्णायक मंडल का हिस्सा बनाकर विश्व स्तर पर भारत की कला और संस्कृति की छवि को और मजबूत किया गया।

Who is Swati Ghosh special recognition HWPL World Peace Summit held in South Korea | कौन हैं स्वाति घोष?, दक्षिण कोरिया में आयोजित एचडब्ल्यूपीएल वर्ल्ड पीस समिट में खास पहचान

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Highlightsइंटरनेशनल विमेन’स पीस ग्रुप के प्रतिनिधियों ने उनके नाम का बोर्ड लेकर उनका अभिनंदन किया।सम्मेलन स्थल पर भी स्वाति घोष को विशेष अतिथि के रूप में मान-सम्मान दिया गया।भारत की कला शक्ति और नारी शक्ति दोनों के लिए ऐतिहासिक बन गया।

सियोलः दक्षिण कोरिया में आयोजित एचडब्ल्यूपीएल वर्ल्ड पीस समिट और इंटरनेशनल विमेन’स पीस ग्रुप के विशेष आयोजन में भारत की मशहूर कलाकार और अंतरराष्ट्रीय जज स्वाति घोष को अद्भुत सम्मान मिला। जैसे ही वे सियोल पहुँचीं, एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इंटरनेशनल विमेन’स पीस ग्रुप के प्रतिनिधियों ने उनके नाम का बोर्ड लेकर उनका अभिनंदन किया।

सम्मेलन स्थल पर भी स्वाति घोष को विशेष अतिथि के रूप में मान-सम्मान दिया गया। उन्हें निर्णायक मंडल का हिस्सा बनाकर विश्व स्तर पर भारत की कला और संस्कृति की छवि को और मजबूत किया गया। निर्णायक प्रक्रिया के दौरान उन्होंने कई देशों से आए कलाकारों की पेंटिंग्स का मूल्यांकन किया। यह अवसर भारत की कला शक्ति और नारी शक्ति दोनों के लिए ऐतिहासिक बन गया।

तस्वीरों में साफ झलकता है कि किस तरह स्वाति घोष को मंच पर बुलाकर प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। अन्य देशों के निर्णायकों के साथ वे मंच पर खड़ी नज़र आईं और भारत का तिरंगा उनके नाम के साथ टेबल पर सजा हुआ था। आईडब्ल्यूपीजी (IWPG) के झंडे और बैकड्रॉप के सामने उनकी उपस्थिति भारत की गौरवशाली पहचान को दर्शाती है।

दुनिया भर से सिर्फ तीन निर्णायकों को इस प्रतियोगिता के लिए चुना गया था। दक्षिण कोरिया से एक, यूरोप से एक और भारत से स्वाति घोष। यह भारत के लिए गर्व की बात है कि इस ऐतिहासिक मंच पर स्वाती घोष ने न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि कला और संस्कृति के ज़रिए शांति का संदेश भी दिया।

स्वाति घोष की यह उपलब्धि उनकी पहले से ही शानदार अंतरराष्ट्रीय यात्रा में एक और ऐतिहासिक पड़ाव है। पेरिस में डिप्लोमे डी मेडैल डी एटैन और मेडैल ड’ओनर डु ट्रवाय जैसे पुरस्कारों से लेकर इटली में आर्टे एंड कावाल्लो ट्रोफियो, और न्यूयॉर्क टाइम्स स्क्वायर पर उनके आर्टवर्क की भव्य प्रदर्शनी तक – हर कदम ने उन्हें वैश्विक मंच पर खास पहचान दिलाई है। आज दक्षिण कोरिया में मिली यह पहचान न केवल उनकी कला का सम्मान है, बल्कि भारत की नारी शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का भी वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधित्व करती है।

Web Title: Who is Swati Ghosh special recognition HWPL World Peace Summit held in South Korea

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