नई दिल्ली: भारत दौर पर आए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तकी ने तालिबान शासन में महिला शिक्षा पर प्रतिबंध को लेकर बयान दिया। मुत्तक़ी ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि अफगानिस्तान के उलेमा मदारिस और देवबंद के साथ संबंध शायद दूसरों से ज़्यादा हैं। शिक्षा के संदर्भ में, इस समय हमारे स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में 1 करोड़ छात्राएँ पढ़ रही हैं, जिनमें से 28 लाख महिलाएँ और लड़कियाँ हैं।"
मुत्तकी ने आगे कहा, "धार्मिक मदरसों में यह शिक्षा स्नातक स्तर तक उपलब्ध है। कुछ ख़ास हिस्सों में कुछ सीमाएँ हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम शिक्षा का विरोध करते हैं। हमने इसे धार्मिक रूप से 'हराम' घोषित नहीं किया है, लेकिन इसे दूसरे आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।"
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव पर बोले मुत्तकी
वहीं पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव पर, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्तक़ी ने कहा, "... पाकिस्तान के बहुसंख्यक लोग शांतिप्रिय हैं और अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हमें पाकिस्तानी नागरिकों से कोई समस्या नहीं है। पाकिस्तान में कुछ तत्व तनाव पैदा कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, अफगानिस्तान अपनी सीमाओं और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा, और इसीलिए उसने पाकिस्तान की ओर से की गई हिंसा का तुरंत जवाब दिया। हमने कल रात अपने सैन्य लक्ष्य हासिल कर लिए, और हमारे मित्र कतर और सऊदी अरब ने भी कहा है कि यह संघर्ष समाप्त होना चाहिए, इसलिए हमने इसे अपनी ओर से फिलहाल रोक दिया है।"
मुत्तकी ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। हम केवल अच्छे संबंध और शांति चाहते हैं... जब कोई हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश करता है, तो सभी नागरिक, सरकार के प्रमुख, उलेमा और सभी धार्मिक नेता देश के हित में लड़ने के लिए एकजुट हो जाते हैं...
अफगान विदेश मंत्री ने कहा, "अफगानिस्तान 40 वर्षों से संघर्ष में है... अफगानिस्तान आखिरकार आज़ाद हो गया है और शांति के लिए काम कर रहा है... अगर पाकिस्तान अच्छे संबंध और शांति नहीं चाहता है, तो अफगानिस्तान के पास दूसरे विकल्प भी हैं।"