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तालिबान मुखिया का दावा- 'बेनजीर भुट्टो को हमने मारा था', ये थी वजह

By आदित्य द्विवेदी | Updated: January 16, 2018 20:50 IST

बेनजीर भुट्टो की हत्या मामले में पाकिस्तान की कोर्ट ने कुछ लोगों को सजा सुनाई थी लेकिन उनकी हत्या के पीछे की पूरी सच्चाई आज तक सामने नहीं आई है।

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पाकिस्तान का रावलपिंडी शहर। 27 दिसंबर 2007 को बेनजीर भुट्टो एक चुनावी रैली को संबोधित करने जा रही थी। रैली के दौरान दो आत्मघाती हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया और इस हमले में बेनजीर भुट्टो की मौत हो गई। बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद कई तरह के शको-शुबहा उभरे जिसमें पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से लेकर बेनजीर के पति आसिफ अली जरदारी तक का नाम सामने आया। बाद में पाकिस्तान की कुछ इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी मौत के लिए ओसामा बिन लादेन जिम्मेदार थी।

बेनजीर भुट्टो की हत्या के संबंध में हाल ही में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान (टीटीपी) के मुखिया मंसूर आसिम मुफ्ती नूर वली ने ने एक किताब लिखी है जिसका नाम इंकलाब महसूद दिक्षिणी वजीरिस्तानः ब्रिटिश राज से अमेरिकी साम्राज्यवाद तक (Inqilab Mehsood South Waziristan: From British Raj to American Imperialism) है। 588 पन्नों की यह किताब 30 नवंबर 2017 को प्रकाशित हुई है।

इस किताब में दावा किया गया है कि पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या तालिबान ने की थी। इस उर्दू किताब के मुताबिक बेनजीर भुट्टो की हत्या को बिलाल उर्फ सईद और इकरामुल्ला नाम के आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया था। पहले बिलाल ने बेनजीर भुट्टो पर गोलियां चलाई थी जो उनकी गर्दन में जा धंसी। उसके बाद अपने जैकेट में लगे बम में धमाका कर दिया।

किताब में यह भी कहा गया है कि बेनजीर की हत्या 27 दिसंबर 2007 को हुई थी। इससे ठीक दो महीने पहले उनके कराची में निकाले गए जुलूस पर भी आत्मघाती हमला किया गया था। इसमें 140 लोग मारे गए लेकिन भुट्टो बच गई। इस हमले के बाद भी पाकिस्तानी सरकार ने बेनजीर की सुरक्षा नहीं बढ़ाई और इससे उनकी हत्या करने में कोई खास मुश्किल नहीं हुई।

इस किताब में बेनजीर भुट्टो की हत्या के पीछे की वजह का भी जिक्र किया गया है। मारे गए पाकिस्तान में तालिबान के फाउंडर बैयतुल्लाह मेहसूद के हवाले से कहा गया है कि उन्हें सूचना मिली थी कि अमेरिका के सहारे भूट्टो सत्ता में आ रही है और अगर ऐसा हुआ तो वह मुजाहिद्दी-ए-इस्लाम को खत्म करने के लिए जंग लड़ेगी। बता दें कि बेनजीर की हत्या के संबंध में अलग-अलग लोगों पर आरोप लगाए जाते रहे हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी आतंकी संगठन ने स्वीकार किया है कि उन्होंने ही बेनजीर भुट्टो की हत्या की थी।

बेनजीर भुट्टो किसी भी मुस्लिम देश की पहली पहली प्रमुख और पाकिस्तान की दो बार प्रधानमंत्री रही थी। बेनजीर जब पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं तो उनकी उम्र महज 35 साल थी। बेनजीर भुट्टो अपनी मौत के वक्त तीसरी बार PM बनने के लिए प्रचार कर रही थीं। इस मामले में पाकिस्तान की कोर्ट ने कुछ लोगों को सजा सुनाई थी। लेकिन उनकी हत्या के पीछे की पूरी सच्चाई आज तक सामने नहीं आई है। इस कड़ी में टीटीपी मुखिया की यह किताब भुट्टो की मौत के पीछे की पूरी कहानी सामने लाने का दावा करती है।

टॅग्स :बेनजीर भुट्टोपाकिस्तानआतंकवादी
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