Nepal Gen Z Protest: 20 की मौत और 250 घायल, गृह मंत्री रमेश लेखक ने दिया इस्तीफा, पीएम ओली ने सोशल मीडिया बैन वापस ली, मानी गलती, देखिए वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 9, 2025 06:01 IST2025-09-08T20:12:20+5:302025-09-09T06:01:56+5:30
नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में राजधानी काठमांडू और कुछ अन्य इलाकों में युवाओं ने प्रदर्शन किया।

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काठमांडूः नेपाल के काठमांडू में हालात और खराब हो गया। जनता सड़क पर उतर गई है। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि काठमांडू में लोगों ने कथित भ्रष्टाचार और फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध को लेकर सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। आज के विरोध प्रदर्शन में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 250 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। इस बीच गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है। नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में राजधानी काठमांडू और कुछ अन्य इलाकों में युवाओं ने प्रदर्शन किया। इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने गलती मान ली और देर रात सोशल मीडिया बैन को हटा दिया।
STORY | After violent protests, Nepal government lifts ban on social media
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2025
The Nepal government on Monday announced that it has withdrawn its earlier decision to ban social media sites amid violent protests by youths that left at least 19 people dead and over 300 others injured.… pic.twitter.com/r6wc3T3QEI
#WATCH | Kathmandu, Nepal: A protester says, "We were protesting since 9 AM... Corruption has reached the top level. This is the most important reason for the protest... We are serving at the hospital for the protestors being treated here... The protest will go even higher now… https://t.co/jLA7fEJTfGpic.twitter.com/u8KV9DWR3O
— ANI (@ANI) September 9, 2025
#WATCH | Nepal: People in Kathmandu stage a massive protest against the government over alleged corruption and the recent ban on social media platforms, including Facebook, Instagram, WhatsApp and others.
— ANI (@ANI) September 8, 2025
At least 18 people have died and more than 250 people have been injured… pic.twitter.com/zz0mLm5VQ6
काठमांडू में हालात को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को सेना को तैनात करना पड़ा। काठमांडू में ‘जेन ज़ी’ के बैनर तले स्कूली छात्रों समेत हजारों युवा संसद भवन के सामने इकट्ठा हुए और प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए। नेपाली मीडिया के अनुसार इस हिंसक प्रदर्शन में 20 लोगों की मौत हुई है।
Nepal Home Minister Ramesh Lekhak resigns following violent protests in Kathmandu, other cities: Nepali Congress sources. pic.twitter.com/azFPzNtE7v
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2025
#WATCH | Kathmandu, Nepal: A protestor says, "We are here to protest against the corruption and the ban of social media. There are people dying on the streets. I have seen more than 15 people being shot. There is not enough ambulances, and the hospitals are running out of… https://t.co/jLA7fEJlq8pic.twitter.com/OiTxzVeeUr
— ANI (@ANI) September 8, 2025
News Alert! After violent protests, Nepal government lifts ban on social media. pic.twitter.com/2LiwkVywHg— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2025
हालांकि, मौतों की आधिकारिक संख्या के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवाओं का प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा।
#UPDATE | Nepal Home Minister Ramesh Lekhak tenders his resignation to the Prime Minister during the cabinet meeting held at the official residence of the Prime Minister in Baluwatar. https://t.co/zHzmf8JFyp
— ANI (@ANI) September 8, 2025
अस्पताल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए 'हिमालयन टाइम्स' अखबार ने बताया कि काठमांडू में हुए प्रदर्शन में 20 लोगों की मौत हो गई। 'हिमालयन टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों में छह लोग ट्रॉमा सेंटर, तीन सिविल अस्पताल, तीन एवरेस्ट अस्पताल, एक काठमांडू मेडिकल कॉलेज (केएमसी) और एक त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग अस्पताल में है।
न्यूज पोर्टल खबरहब ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि ‘जेन ज़ी’ आंदोलन में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि दो सुरक्षाकर्मियों समेत 250 लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज वर्तमान में काठमांडू के सिविल अस्पताल में चल रहा है। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।
हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने राजधानी के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया। यह विरोध प्रदर्शन दूसरे शहरों में भी फैल गया है। काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन के आसपास के क्षेत्रों में अशांति को रोकने के लिए अपराह्न 12:30 बजे से रात 10:00 बजे तक निषेधाज्ञा लागू की।
मुख्य जिला अधिकारी छबि लाल रिजाल ने एक नोटिस में कहा, ‘‘प्रतिबंधित क्षेत्र में लोगों के आवागमन, प्रदर्शन, बैठक, सभा या धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी।’’ स्थानीय प्रशासन ने बाद में ये प्रतिबंधात्मक आदेश राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में भी लागू कर दिए।
नेपाल सरकार ने अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर चार सितंबर को फेसबुक, व्हाट्सऐप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध उन्हें विनियमित करने के लिए लगाया गया है,
लेकिन आम जनता में धारणा यह है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला होगा और सेंसरशिप की नौबत आ सकती है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में अपंजीकृत सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने के अपने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि “राष्ट्र को कमजोर किए जाने के प्रयास कभी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।”