उत्तरी ध्रुव के पास बर्फीली चट्टान पर जा रहा था खोजी दल, महासागर के इस जन्तु ने कर दिया हमला
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: September 25, 2019 02:05 PM2019-09-25T14:05:46+5:302019-09-25T14:07:01+5:30
उत्तरी ध्रुव के दक्षिण में ठीक 900 किलोमीटर दूरी पर एक रूसी द्वीपसमूह 'फ्रेंज जोसफ लैंड' पर खोजी दल को पहुंचना था। इससे पहले कि खोजी दल मंजिल तक पहुंच पाता, बर्फीले पानी से रह रहे एक वॉलरस ने रबड़ की नाव पर हमला कर दिया।
उत्तरी ध्रुव के पास वाले आर्कटिक महासागर के बर्फीले पानी में निकले एक खोजी दल की जान पर तब बन आई जब वॉलरस (एक प्रकार का दरियाई घोड़ा ) ने नाव पर हमला कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी नौसेना के उत्तरी बेड़े के नाविक और रसियन जियोग्राफिकल सोसायटी के वैज्ञानिकों का दल संयुक्त अभियान पर निकला था। दल को उत्तरी ध्रुव के दक्षिण में ठीक 900 किलोमीटर दूरी पर एक रूसी द्वीपसमूह 'फ्रेंज जोसफ लैंड' पर पहुंचना था। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए खोजी दल ने जहाज से उतरकर रबड़ वाली नाव की सवारी की। बता दें कि महासागर के जिस द्वीप समूह पर खोजी दल जा रहा था, उस पर रूस का नियंत्रण है।
जैसे ही खोजी दल ने हवा वाली एक नाव के जरिये द्वीपसमूह के गलेशियर पर पहुंचने की कोशिश की, उनकी नाव पर एक मादा वॉलरस ने हमला कर दिया। हमला करने वाली वॉलरस एक मादा थी, यह केवल अंदाजा है क्योंकि जियोग्राफिकल सोसायटी ने बयान जारी कर कहा है कि वॉलरस संभवत: अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर गए थे और उन्होंने रबड़ की नाव पर हमला कर दिया।
बयान में आगे कहा गया कि दुखद घटना टल गई और स्क्वॉड लीडर द्वारा त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद। जियोग्राफिकल सोसायटी ने जानकारी दी है कि अभियान में शामिल सभी प्रतिभागी सुरक्षित तट पर पहुंच गए।
नौसेना ने भी अपडेट जारी किया है, जो वालरस हमले की पुष्टि करता है लेकिन इसमें नाव के डूबने की कोई जानकारी नहीं है। जियोग्राफिकल सोसायटी ने कहा कि वालरस हमले ने रेखांकित किया कि यह इलाका मनुष्यों के लिए कितना खतरनाक है।