लॉर्ड नजीर ने कश्मीर पर दिया विवादित बयान, गणतंत्र दिवस पर लंदन में भिड़े भारत समर्थक और विरोधी
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 27, 2018 08:32 IST2018-01-27T08:22:13+5:302018-01-27T08:32:52+5:30
एक भारतीय एक्टिविस्ट और लेखिका ने कहा, "आज मैं यहां लॉर्ड नजीर को ये बताने आयी हूँ कि वो मेरे राज्य जम्मू-कश्मीर के लिए आजादी माँग रहे हैं लेकिन मैं पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद, सीजफायर उल्लंघन और छद्म युद्ध से आजादी चाहती हूँ।"

लॉर्ड नजीर ने कश्मीर पर दिया विवादित बयान, गणतंत्र दिवस पर लंदन में भिड़े भारत समर्थक और विरोधी
शुक्रवार (26 जनवरी) को भारत के 69वें गणतंत्र दिवस पर ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारत समर्थक और भारत विरोधी दो गुटों के बीच टकराव हो गया है। भारत समर्थक वंदे मातरम और जय हिन्द के नारे लगा रहे थे वहीं भारत विरोधी कश्मीर को आजादी दिलाने के नारे लगा रहे थे। ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य नजीर अहमद भारत विरोधी अभियान चलाते हैं। नजीर ने भारत के गणतंत्र दिवस के दिन भारतीय उच्चायोग के सामने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। भारत समर्थकों ने समानांतर प्रदर्शन करते हुए नजीर और उनके साथियों का विरोध किया।
समाचार एजेंसी से बात करते हुए एक भारतीय एक्टिविस्ट और लेखिका ने कहा, "आज मैं यहां लॉर्ड नजीर को ये बताने आयी हूँ कि वो मेरे राज्य जम्मू-कश्मीर के लिए आजादी माँग रहे हैं लेकिन मैं पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद, सीजफायर उल्लंघन और छद्म युद्ध से आजादी चाहती हूँ।" भारत समर्थक अपने साथ पोस्टर लेकर गये थे जिस पर लिखा था कि "भारत एक शांतिप्रिय देश है।"
ब्रिटिश लॉर्ड नजीर द्वारा गणतंत्र दिवस पर कश्मीर को "आजाद" किए जाने की माँग करने के बाद प्रदर्शनकारी लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। लॉर्ड नजीर भारत के गणतंत्र दिवस पर को "काला दिवस" के रूप में मनाने के लिए एक प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे।
देखें लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर का वीडियो-
#WATCH Clashes erupted outside Indian High Commission in London as British Lord Nazir called for Azad Kashmir on India's Republic Day pic.twitter.com/IJQb3XajIu
— ANI (@ANI) January 26, 2018
नजीर का दावा है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। नजीर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पैदा हुए थे। इससे पहले नजीर तब विवादों में आए थे जब साल 2013 में उन्हें यहूदी विरोधी विवाद के चलते लेबर पार्टी से निकाल दिया गया था।