Bangladesh Unrest:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के आरोपों पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। बड़े विरोध-प्रदर्शनों के बाद देश छोड़ने पर मजबूर हुई शेख हसीना ने कथित रूप से ये दावा किया था कि देश में जारी उथल-पुथल के पीछे अमेरिका का हाथ हैं। हसीना के अनुसार अगर उन्होंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को छोड़ दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर हावी होने दिया होता तो वे सत्ता में बनी रह सकती थीं।
अब व्हाइट हाउस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। मीडिया को संबोधित करते हुए, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि हमारी इसमें कोई संलिप्तता नहीं है। संयुक्त राज्य सरकार के इन घटनाओं में शामिल होने की कोई भी रिपोर्ट या अफवाह पूरी तरह से झूठी है। यह सच नहीं है।
बता दें कि शेख हसीना देश छोड़ने से पहले राष्ट्र के नाम अपना संबोधन रिकॉर्ड करना चाहती थीं। लेकिन आनन-फानन में निकलने के कारण वह ऐसा नहीं कर सकीं। बाद में उनके करीबी सूत्रों के माध्यम से उनकी बात मीडिया में आई। बांग्लादेश छोड़ने से पहले अवामी लीग नेता ने अपने करीबी सहयोगी से कहा कि विरोध प्रदर्शनों के पीछे संयुक्त राज्य अमेरिका का हाथ है, जिसने अब तक 200 से अधिक लोगों की जान ले ली है और इसका कोई अंत नहीं दिख रहा है।
उनके करीबी सहयोगी के अनुसार शेख हसीना ने कहा, "मैंने इस्तीफा इसलिए दिया ताकि मुझे शवों का जुलूस न देखना पड़े। वे छात्रों की लाशों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया। मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मैं सत्ता में बनी रह सकती थी अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना दबदबा बनाने दिया होता। मैं अपने देश के लोगों से विनती करती हूं कि कृपया कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं।"
अब अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा है कि अमेरिका बांग्लादेश के हालात पर निगरानी जारी रखेगा। उसने इस बात पर भी बल दिया कि राष्ट्रपति जो बाइडन मानवाधिकार के मुद्दों पर स्पष्ट और बेबाक तरीके से बोलते रहेंगे।