अमेरिका ने तालिबान को अपने अमेरिकी नागरिकों, अधिकारियों और अफगान नागरिकों के नामों की लिस्ट दी है. अफगानिस्तान में फंसे अपने लोगों की लिस्ट तालिबान के साथ शेयर कर अमेरिका कहा है कि इन लोगों को सही सलामत एयरपोर्ट पहुंचाया.
अमेरिका ने तालिबानी आतंकी संगठन से इस लिस्ट को शेयर कर कहा है कि ये अमेरिकी नागरिक या अमेरिका के साथ किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं इन्हें किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचाया जाए और देश छोड़ने में इनकी मदद की जाए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल में अमेरिकी अधिकारियों ने तालिबान को अमेरिकी नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों और अफगान सहयोगियों के नामों की एक सूची दी है. इस लिस्ट को तालिबानी आतंकियों को सौंपकर अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें शहर के हवाई अड्डे के आतंकवादी-नियंत्रित बाहरी परिधि में प्रवेश दिया जाए.
अमेरिकी अधिकारियों ने इसके साथ ही काबुल के एयरपोर्ट के परिचालन में तेजी लाने के लिए भी कहा है. बता दें कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बीते दिनों कब्जा करने बाद इलाके में अराजकता फैल गई. तालिबान ने भले ही काबुल पर कब्जा कर लिया था लेकिन काबुल एयरपोर्ट का परिचालन तब भी अमेरिका ही कर रहा था लेकिन अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अब एयरपोर्ट के बाहरी सर्कल की सुरक्षा का जिम्मा तालिबान के बूते है.
बाहरी सर्कल में काफी दाताद में तालिबानी आतंकी हैं. बाहरी सुरक्षा घेरे में तालिबानी आतंकी होने के चलते अमेरिका ने अपने नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों कुछ अफगान नागरिकों के नामों की लिस्ट तालिबान को सौंपकर कहा है कि उन्हें बाहरी सर्कल से एयरपोर्ट में एंट्री दिलाने में मदद की जाए.
15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों को अफगानिस्तान से रेस्क्यू किया जा चुका है. तालिबान आतंकियों की जगह-जगह चौंकियां हैं. एयरपोर्ट पहुंचने के लिए आतंकियों की इन्हीं चौंकियों से होकर गुजरना पड़ रहा है. अमेरिकी अधिकारियों ने इसी लिहाज से अपने नागरिकों की लिस्ट तालिबान की सौंपी हैं और कहा है कि उन्हें चौकी से एयरपोर्ट तक निकलने दिया जाए.
लेकिन अमेरिका के इस कदम के बाद कई अन्य अमेरिकी सैन्य अधिकारी और सांसद नाराज हैं. उनका कहना है कि हम तालिबान के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. तालिबान ने हजारों लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी. कत्लेआम मचाया और अब उनसे यूं इस तरह मदद मांगना काफी गलत है.