यूएस-ईरान तनाव मामला: अमेरिका ने कहा-आपसी हितों की रक्षा के लिए इराक के साथ भागीदारी के लिए हैं प्रतिबद्ध

By स्वाति सिंह | Published: May 16, 2019 08:31 AM2019-05-16T08:31:00+5:302019-05-16T08:31:00+5:30

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को सभी गैर-आपात दूतावास कर्मियों को बगदाद में अपना दूतावास और एरबिल में वाणिज्य दूतावास छोड़ने का आदेश दिया।

US-Iran tension case: Committed to partner with Iraq to advance mutual interests says america | यूएस-ईरान तनाव मामला: अमेरिका ने कहा-आपसी हितों की रक्षा के लिए इराक के साथ भागीदारी के लिए हैं प्रतिबद्ध

यह फैसला अमेरिकी बलों के खिलाफ संभावित खतरों की चेतावनी के मद्देनजर लिया है।

Highlightsअमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 'मिशन इराक' को लॉन्च करने का फैसला किया है।ट्रंप यह फैसला मध्य पूर्व में तनाव के कारण लिया है।

सभी गैर-आपात दूतावास कर्मियों को तुरंत इराक छोड़ने के आदेश के बाद अमेरिका ने बुधवार को कहा कि हम आपसी हितों को आगे बढ़ाने के लिए इराकियों के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमेरिकी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 7 मई को इराक यात्रा के दौरान सचिव ने इराक सरकार के साथ सुरक्षा व्यवस्थाओं को लकेर अहम चर्चा की। अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 'मिशन इराक' को लॉन्च करने का फैसला किया है।

वहीं, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ट्रंप ने यह फैसला अमेरिकी बलों के खिलाफ संभावित खतरों की चेतावनी के मद्देनजर लिया है।

बता दें कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को सभी गैर-आपात दूतावास कर्मियों को बगदाद में अपना दूतावास और एरबिल में वाणिज्य दूतावास छोड़ने का आदेश दिया। दरअसल, अमेरिका और इराक के पड़ोसी देश ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। 

अमेरिका ने ईरान पर क्षेत्र में 'आसन्न' हमलों की योजना बनाने का आरोप लगाते हुए हाल ही में तेहरान पर दबाव बढ़ा दिया है और वह खाड़ी क्षेत्र में अपनी सेना की उपस्थिति को बढ़ा रहा है। 

एक यात्रा परामर्श चेतावनी में कहा गया, 'कई आतंकवादी और विद्रोही समूह इराक में सक्रिय हैं और नियमित रूप से इराकी सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले कर रहे हैं।' इसमें कहा गया है कि अमेरिका विरोधी मिलिशिया इराक में अमेरिकी नागरिकों और पश्चिमी कंपनियों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। 

गौरतलब है कि अमेरिका ने प्रदर्शन प्रभावित दक्षिणी इराकी शहर बसरा में अपने वाणिज्य दूतावास को भी बंद कर दिया था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह इराक के साथ संबंधों को और आगे ले जाने के लिए अचानक बगदाद पहुंच सबको चौंका दिया था। 

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बुधवार को 'एएफपी' से कहा कि 'इराक में बढ़ते खतरे को देखते हुए' हमने गैर-आपात दूतावास कर्मियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। दूसरी ओर, तेहरान के समर्थक रूस ने भी बुधवार को पोम्पिओ के आश्वासन के बावजूद दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव को लेकर चिंता व्यक्त की। पोम्पिओ के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के एक दिन बाद क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा, 'हमने अभी तक इस मामले पर लगातार तनाव बढ़ते देखा है।' पेस्कोव ने कहा, 'हम ईरानी पक्ष की ओर से उठाए कदमों से दुखी हैं।'

 गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2015 अंतरराष्ट्रीय ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को हटाने के निर्णय के बाद से ही तेहरान और वॉशिंगटन के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था। 

Web Title: US-Iran tension case: Committed to partner with Iraq to advance mutual interests says america

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