लाइव न्यूज़ :

अमेरिका ने आसियान सदस्यों से काली सूची में रखी गई चीनी कंपनियों के साथ सौदे पर विचार करने को कहा

By भाषा | Updated: September 10, 2020 17:21 IST

अमेरिका ने इन चीनी कंपनियों को विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की “आक्रामकता” दिखाने के लिए द्वीप पर चौकियों का निर्माण करने के कारण काली सूची में डाला है। पोम्पिओ ने दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन के वार्षिक सम्मेलन में अपने समकक्षों से बात की।

Open in App
ठळक मुद्देचीन के साथ लंबे समय से इस व्यस्ततम जलमार्ग को लेकर क्षेत्रीय संघर्ष में उलझे हुए हैं जिसके समूचे हिस्से पर बीजिंग अपना दावा करता है।ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में क्षेत्र में बीजिंग के सैन्य निर्माण के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे।इसे लेकर भय उत्पन्न हो गया है कि चीन अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में नौवहन की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर सकता है।

हनोईः अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों से बृहस्पतिवार को कहा कि वे वाशिंगटन द्वारा काली सूची में डाली गई चीनी कंपनियों के साथ हुए समझौतों पर फिर से विचार करें।

अमेरिका ने इन चीनी कंपनियों को विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की “आक्रामकता” दिखाने के लिए द्वीप पर चौकियों का निर्माण करने के कारण काली सूची में डाला है। पोम्पिओ ने दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन के वार्षिक सम्मेलन में अपने समकक्षों से बात की।

संगठन के चार सदस्य - फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई चीन के साथ लंबे समय से इस व्यस्ततम जलमार्ग को लेकर क्षेत्रीय संघर्ष में उलझे हुए हैं जिसके समूचे हिस्से पर बीजिंग अपना दावा करता है। भले ही अमेरिका दक्षिण चीन सागर पर कोई दावा नहीं करता लेकिन ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में क्षेत्र में बीजिंग के सैन्य निर्माण के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे।

इस सैन्य निर्माण में हवाई क्षेत्र बनाना और प्रवाल भित्तियों (कोरल रीफ) के ऊपर बनाए गए द्वीपों पर रडार और मिसाइल केंद्र स्थापित करना शामिल है जिसके बाद इसे लेकर भय उत्पन्न हो गया है कि चीन अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में नौवहन की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर सकता है। पोम्पिओ ने 10 राष्ट्रों के इस संगठन के शीर्ष राजनयिकों से कहा, “मेरे विचार में आगे बढ़ते रहिए, बस बातें मत करिए कार्रवाई करिए।” विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया।

पोम्पिओ ने कहा कि चीन आसियान चार्टर में निहित संप्रभुता, गुणवत्ता एवं क्षेत्रीय अखंडता के लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करता है। उन्होंने दो दर्जन से अधिक चीनी कंपनियों को अमेरिका द्वारा काली सूची में डाले जाने का जिक्र किया जिन्होंने विवादित जलक्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों के निर्माण का काम किया है। उन्होंने कहा, “दक्षिण चीन सागर में आसियान तटीय राष्ट्रों को धमकाने वाली प्रत्येक सरकारी कंपनी के साथ कारोबारी सौदों पर फिर से विचार करें।”

पोम्पिओ ने कहा, ‘‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को हमपर और हमारे लोगों पर भारी नहीं पड़ने दें। आपमें आत्मविश्वास होना चाहिए और अमेरिका दोस्त की तरह आपकी मदद करने के लिए यहां है।” यह साफ नहीं है कि कितने आसियान सदस्यों का अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा काली सूची में डाली गईं कंपनियों के साथ करार है लेकिन फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह अमेरिकी कदम का पालन नहीं करेंगे और काली सूची में डाली गई एक कंपनी के साथ मनीला के काविते प्रांत में हवाईअड्डा परियोजना के लिए साझेदारी करेंगे। अमेरिका ने नौवहन और विमानों से गश्त की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए युदधपोतों एवं लड़ाकू विमानों की तैनाती की है। 

टॅग्स :अमेरिकाचीनडोनाल्ड ट्रम्पशी जिनपिंगऑस्ट्रेलियादिल्ली
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

क्रिकेटAus vs ENG: इंग्लैंड 334 रन पर आउट, रूट 138 रन बनाकर रहे नाबाद

विश्व अधिक खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए