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बोला यूक्रेन- अगर पुतिन खुद को मारना चाहते हैं तो उन्हें वही करना चाहिए जो हिटलर ने किया था

By अनिल शर्मा | Updated: March 1, 2022 13:41 IST

संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के प्रतिनिधि सर्गेई किस्लित्सिया ने एडॉल्फ हिटलर की आत्महत्या का हवाला देते हुए महासभा में कहा, "अगर पुतिन खुद को मारना चाहता है तो उन्हें परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने की जरूरत नहीं है, उन्हें वही करना होगा जो बर्लिन में उस व्यक्ति ने 1945 में बंकर में किया था।

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ठळक मुद्दे यूक्रेनी प्रतिनिधि सर्गेई किस्लित्स्या ने रूसी परमाणु बलों को अलर्ट पर रखने के व्लादिमीर पुतिन के आदेश को 'पागलपन' बतायामहासभा में यूक्रेन के प्रतिनिधि ने कहा कि अगर पुतिन खुद को मारना चाहता है तो उन्हें वही करना चाहिए जो हिटलर ने किया था

संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र महासभा के बुलाए गए दुलर्भ आपात सत्र में उस प्रस्ताव का कई देशों के राजदूतों ने समर्थन किया है जिसमें रूस से यूक्रेन के साथ युद्ध को रोकने की मांग की गई है। वर्ष 1997 के बाद पहली बार बुलाए गए महासभा के आपात सत्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्स्या ने कहा, ‘‘अगर यूक्रेन नहीं रहा.... तो अंतरराष्ट्रीय शांति भी नहीं रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई भ्रम नहीं है, अगर यूक्रेन नहीं रहा तो हमें आश्चर्य नहीं होगा अगर अगली बार लोकतंत्र असफल होता है।’

संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेनी प्रतिनिधि सर्गेई किस्लित्स्या ने रूसी परमाणु बलों को अलर्ट पर रखने के व्लादिमीर पुतिन के आदेश को 'पागलपन' बताया है। उन्होंने इस दौरान एडॉल्फ हिटलर की आत्महत्या का भी जिक्र किया। किस्लित्सिया ने एडॉल्फ हिटलर की आत्महत्या का हवाला देते हुए महासभा में कहा, "अगर पुतिन खुद को मारना चाहता है तो उन्हें परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने की जरूरत नहीं है, उन्हें वही करना होगा जो बर्लिन में उस व्यक्ति ने 1945 में बंकर में किया था।

वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वार्ता "न केवल लड़ाई को तत्काल रोक देगी, बल्कि एक राजनयिक समाधान की ओर भी ले जाएगी।" उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रविवार को रूस के परमाणु निवारक को हाई अलर्ट पर रखने के फैसले को "द्रुतशीतन विकास" के रूप में वर्णित किया। उन्होंने महासभा को बताया कि परमाणु संघर्ष "अकल्पनीय" है।

गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर यूक्रेन मामले को लेकर बढ़ी चिंता को प्रतिबिंबित करते हुए संयुक्त राष्ट्र के दो अहम निकाय 193 सदस्यीय महासभा और छोटा लेकिन अधिक शक्तिशाली सुरक्षा परिषद ने असमान्य कदम उठाए हैं, जो अकसर युद्ध की स्थिति में उठाने के लिए होते हैं। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने भी अपना आपात सत्र बुलाने के लिए मतदान किया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने और रूस द्वारा वीटो करने के तीन दिन बाद महासभा का सत्र बुलाया गया। महासभा का आपात सत्र बुलाने का 110 से अधिक देशों ने समर्थन किया और मंगलवार से विभिन्न देश इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने की शुरुआत करेंगे।

टॅग्स :रूस-यूक्रेन विवादयूक्रेनव्लादिमीर पुतिनरूस
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