यूक्रेन संकट: रूस की सैन्य कार्रवाई की घोषणा के बाद कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर के पार, आठ सालों में सर्वाधिक कीमत
By विशाल कुमार | Updated: February 24, 2022 09:49 IST2022-02-24T09:47:15+5:302022-02-24T09:49:11+5:30
टेलीविजन पर आकर पुतिन की चौंकाने वाली घोषणा के बाद ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 100.4 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। इसका कारण है कि रूस कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।

यूक्रेन संकट: रूस की सैन्य कार्रवाई की घोषणा के बाद कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर के पार, आठ सालों में सर्वाधिक कीमत
नई दिल्ली: गुरुवार सुबह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान चलाने का आदेश देने के बाद पिछले आठ सालों में पहली बार कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया।
टेलीविजन पर आकर पुतिन की चौंकाने वाली घोषणा के बाद ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 100.4 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। इसका कारण है कि रूस कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन में (विशेष सैन्य अभियान की) हमारी योजनाओं में यूक्रेनी क्षेत्र पर कब्जा शामिल नहीं है। हमारा यूक्रेन के विसैन्यीकरण का लक्ष्य है।
इससे पहले सिंतबर, 2014 में ही कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को पार किए थे। साल 2022 में कच्चे तेल के दामों में 20 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है। 1 दिसंबर, 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था, जो अब 100 डॉलर प्रति बैरल के कारोबार को पार कर गया है।
कच्चे तेल के दामों पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय रिसर्च एजेंसियों की मानें तो कच्चे तेल के दाम और ऊपर जा सकता है। गोल्डमैन सैश ने कहा था कि 2022 में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को छू सकता है. वहीं जेपी मॉर्गन ने तो 2022 में 125 डॉलर प्रति बैरल और 2023 में 150 डॉलर प्रति बैरल तक दाम छूने की भविष्यवाणी की है।
हालांकि, देश में पांच राज्यों में चल रहे चुनावों के दौरान पेट्रोल-डीजल के दामों में 4 नवंबर, 2021 के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इन राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च को आएंगे और 18 मार्च को होली है तो ऐसे में संभावनाएं जताई जा रही हैं कि होली के दौरान महंगाई का जोरदार झटका लग सकता है।